मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम ढाई घंटे चला

कल किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक, परिजनों का आरोप: स्लो पॉइजन दिया गया

बाराबंकी। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। शुक्रवार को तीन डॉक्टरों की टीम सहित पांच लोगों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करीब ढाई घंटे चला। अंसारी को शनिवार को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। हालांकि अभी मौत की वजह सामने नहीं आई है लेकिन उसकी मौत को लेकर परिवार के लोग सवाल उठा रहे हैं। मुख्तार के बेटे और भाई का आरोप है कि उसे स्लो पॉइजन दिया गया। इस बीच बाराबंकी कोर्ट में बांदा जेल प्रशासन पर एफआईआर करवाने के लिए याचिका दी गई है। उधर, अंसारी की मौत पर जिला प्रशासन द्वारा ज्यूडिशियल इंक्वायरी बैठाई गई है। तीन सदस्य टीम मौत के कारणों की जांच करेगी।

बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार के वकील ने एफआईआर दर्ज करने की तहरीर दी है। याचिका में मांग की गई है कि मृत्युकालीन कथन के आधार पर जेल प्रशासन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। शुक्रवार को ही बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में मुख्तार अंसारी की पेशी थी। बांदा जेल अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि कल रात 9.50 पर बंदी मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई। जस्टिस कमलकांत श्रीवास्तव ने मौत की रिपोर्ट तलब करते हुए अगली तारीख 4 अप्रैल तय की है।

अंसारी के वकील की अर्जी में यह कहा

कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि 21 मार्च को प्रार्थी मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि उसे 19 मार्च को खाने में स्लो पॉइजन दिया गया। जिसके बाद बीते दिन रहस्मयी स्थिति में मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। उस प्रार्थना पत्र को प्रार्थी का मृत्युकालीन कथन मानकर जेल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कृपा करें।

बांदा जेल का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखा जाए

प्रार्थना पत्र में यह भी मांग की गई कि बांदा जेल का सीसीटीवी फुटेज, डीवीआर, अधिकारियों के एंट्री का रजिस्टर्ड, फोटोग्राफ आदि संरक्षित किए जाएं, ताकि सच्चाई सामने आ सके। मृतक के परिजनों को आशंका है कि मुख्तार की मौत में कुछ गड़बड़ है।

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