गुर्जर आरक्षण आंदोलन की तैयारी तेज, बैंसला ने वार्ता के लिए आए अधिकारियों को लौटाया, 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी

करौली। गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आहट लगातार तेज होती जा रही है। आगामी 1 नवंबर तक मांगें पूरी नहीं होने पर गुर्जर समाज फिर से सड़कों पर उतरेगा। इस बीच समाधान का राह खोजने के लिये राज्य सरकार के आला अधिकारी सक्रिय हो गये हैं।

इसी कड़ी में वरिष्ठ आईएएस नीरज के. पवन और पुलिस अधिकारी बीजू जॉर्ज मंगलवार को हिंडौन सिटी पहुंचे। उन्होंने वहां गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की।

राज्य सरकार के दोनों अधिकारियों ने मंगलवार को किरोड़ी सिंह बैंसला से उनके वर्धमान नगर स्थित आवास पर मुलाकात कर मसले पर विस्तार से चर्चा की। अधिकारियों ने गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिए जयपुर आने का आमंत्रण निमंत्रण दिया।

लेकिन बताया जा रहा है कि गुर्जर नेताओं ने अधिकारियों से दो टूक कह दिया कि जो लाना है वह यहीं लेकर आओ. गुर्जर नेताओं ने मांग पूरी नहीं होने पर 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। राज्य सरकार के दोनों अधिकारियों के साथ करौली जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग और भरतपुर एसपी अमनदीप कपूर भी वार्ता में मौजूद रहे।

महापंचायत में आंदोलन की चेतावनी दी गई थी

उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेताओं ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुये मांगें पूरी नहीं किये जाने पर आगामी 1 नंवबर से फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दे रखी है. गुर्जर नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार आरक्षण के मसले को लेकर कतई गंभीर नहीं है. गत आंदोलन में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उन पर वह खरी नहीं उतर रही है।

लिहाजा समाज को फिर आंदोलन जैसा कदम उठाना पड़ेगा. इस मसले पर निर्णय करने के लिये पिछले दिनों समाज की महापंचायत हुई थी। महापंचायत में मांगें पूरी नहीं होने पर 1 नवंबर से फिर से आंदोलन की घोषणा की गई थी। गुर्जर आंदोलन के पूर्व के अनुभव को देखते हुये सरकार भी सहमी हुई है और वह बातचीत के रास्ते तलाश रही है।