
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आईसीए वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि आज जब मैं आप सबका स्वागत करता हूं तो ये काम मैं अकेला नहीं कर रहा हूं, मैं नहीं कर सकता हूं। मैं सभी किसानों, मछुआरों, स्वयं सहायता समूहों की 10 करोड़ महिलाओं, 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाओं की ओर से आप सभी का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। भारत में हम सहकारिता आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें भारत की भविष्य की सहकारी यात्रा के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही, भारत के अनुभवों से वैश्विक सहकारी आंदोलन को 21वीं सदी के उपकरण और एक नई भावना मिलेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है।
इससे आर्थिक सशक्तिकरण में तो मदद मिली ही साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला। महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज ने सामुदायिक भागीदारी को फिर से नई ऊर्जा दी। उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में एक नया आंदोलन खड़ा किया और आज खादी और ग्रामोद्योग को हमारी सहकारिता ने बड़े-बड़े ब्रांड से भी आगे पहुंचा दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण भारत के करीब 98% हिस्से को सहकारिता कवर करती है। करीब 30 करोड़ लोग यानी भारत में हर पांच में से एक भारतीय सहकारिता सेक्टर से जुड़ा है। आज भारत में लगभग 2 लाख आवास सहकारी समितियाँ हैं।