अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला पत्रकारों के लिए कार्यक्रम आयोजित

पत्र सूचना कार्यालय, केंद्रीय संचार ब्यूरो और भारतीय मानक ब्यूरो
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जयपुर। पत्र सूचना कार्यालय, केंद्रीय संचार ब्यूरो और भारतीय मानक ब्यूरो के संयुक्त तत्वावधान में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला पत्रकारों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्र सूचना कार्यालय एवं केंद्रीय संचार ब्यूरो, जयपुर की अपर महानिदेशक ऋतु शुक्ला ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को राष्ट्रीय, जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, आर्थिक या राजनीतिक सीमाओं के पार उनकी उपलब्धियों के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय है – ‘सभी महिलाओं औरलड़कियों के लिए: अधिकार, समानता सशक्तिकरण।” इस वर्ष का विषय सभी के लिए समान अधिकार, शक्ति और अवसर और एक समावेशी भविष्य को अनलॉक करने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है जहां कोई भी पीछे नहीं छूटता है

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3 मार्च, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले NaMo ऐप ओपन फोरम पर अपनी प्रेरक जीवन यात्रा साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि भारत में 15 प्रतिशत से अधिक महिला पायलट हैं जो वैश्विक औसत 5 प्रतिशत से अधिक है। महिलाओं ने आज सभी क्षेत्रों में जैसे कि उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में प्रगति की है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), राजस्थान की निदेशक एवं प्रमुख कनिका कालिया ने कहा कि भारतीय मानक महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि रसोई के बर्तन, LPG सिलेंडर, प्रेशर कुकर, खिलौने, सुरक्षित घरेलू उपकरण, कार्यालयों में आरामदायक कार्यस्थल, मासिक धर्म स्वच्छता उत्पाद, मातृत्व देखभाल जैसे क्षेत्रों में BIS द्वारा तैयार किए गए मानक महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में BIS ने सेनेटरी नैपकिन, बेबी डायपर, महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए फुटवियर, स्टील के बर्तनों के साथ-साथ रसोई और घरेलू उपयोग से जुड़े कई उत्पादों के लिए भी अनिवार्य मानक जारी किए हैं। कालिया ने सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग का भी उल्लेख करते हुए कहा कि BIS द्वारा हॉलमार्किंग के माध्यम से सोने की शुद्धता सुनिश्चित की जा रही है, जिससे महिलाएं बिना किसी शंका के शुद्ध और प्रमाणित आभूषण खरीद सकें। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि BIS हॉलमार्क वाले आभूषण ही खरीदें और BIS CARE ऐप के माध्यम से उसकी प्रमाणिकता की जांच करें। वरिष्ठ अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने कहा कि भारतीयता को ध्यान में रखते हुए,नए आपराधिक कानून पीड़ित-केंद्रित बनने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ लाए गए हैं। बीएनएस ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित कानूनों को मजबूत करने के लिए नए प्रावधान पेश किए हैं।

महिला केंद्रित सुधारों पर आधारित इस नए कानून के अंतर्गत 0 एफ आई आर और ई एफ आई आर का प्रावधान किया गया है। पीड़ित महिला को चार्ज से पहले कंपनसेशन देने का प्रावधान भी किया गया है।  इसी के साथ पीड़िता का ऑडियो -वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रावधान भी है। इसके अतिरिक्त त्वरित कार्यवाई के अंतर्गत दुष्कर्म पीड़िता का 7 दिन में चिकित्सा रिपोर्ट देने अनिवार्य किया गया है। नए प्रावधानों के अंतर्गत डिजिटल सम्मन तथा कोर्ट के फैसलों को 7 दिन के अंतर्गत अपलोड करने का नियम बनाया गया है। जयपुर के सैन्य अस्पताल में ईएनटी की विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.) कीर्ति सांगवान ने कहा कि भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ देना एक गौरव की अनुभूति कराता है। उन्होंने कहा कि सेना विषम परिस्थितियों में भी काम करने के लिए प्रशिक्षित होती है।

अपने चुनौतीपूर्ण अनुभव को साझा करते हुए बताया कि 2014 में कश्मीर में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान वे अग्रिम आपातकालीन बाढ़ राहत दल का सक्रिय हिस्सा रहीं और घाटी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचीं और उन्हें बुनियादी दवाइयाँ, भोजन और पानी उपलब्ध कराया, जिसके लिए उन्हें 2015 में चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। उत्तरी क्षेत्र के सक्रिय सीआई/सीटीऑप्स क्षेत्र में बंदूक की गोली के घाव, युद्ध आघात के मामलों जैसी विभिन्न ईएनटी और लड़ाकू आपात स्थितियों को भी संभाला है। अगस्त 2013 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में कमीशन मिला था और तब से लेकर अब तक उन्होंने देश भर में विभिन्न चुनौतीपूर्ण इलाकों में काम किया है, खासकर उत्तरी क्षेत्र के सीआई/सीटी ऑप्स क्षेत्र में, जहाँ उनकी सेवा लगभग 12 साल की रही। कोविड के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए लोगों के जीवन का बचाने का अवसर मिला।

उद्यमी चित्रा बैद ने बताया कि महिलाओं को व्यवसाय के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए जिससे देश के विकास में महिलाओं का भी योगदान हो। उन्होंने कहा कि देश में व्यवसाय के क्षेत्र में भी महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही है, जिसका लाभ लेकर महिलाएं देश के विकास में अपना योगदान दे सकती हैं। महिला उद्यमी सु दिव्या नंदा ने बताया कि वे बेकर और चॉकलेटियर हैं जो ताजा कारीगरी से बने व्यंजन बनाती हैं। उन्होंने चॉकलेट बुके निर्माता के रूप में अपनी यात्रा शुरू की, जयपुर, उदयपुर और अजमेर में प्रसिद्ध बेकरियों को प्रीमियम चॉकलेट वितरित की। जयपुर के प्रतिष्ठित ब्रांडों के साथ सहयोग करते हुए, उन्होंने कन्फेक्शनरी उद्योग में एक मजबूत नींव रखी।

इस अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो की विभागीय कलाकार सु संगीता घोष, सोमा दास ने मनमोहक गीतों की प्रस्तुति दी। जयपुर निवासी वेदांत खंडेलवाल ने गायकी और गिटार की प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय की ओर से महिला पत्रकारों को ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत पौधे वितरित किए गए। इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय, केंद्रीय संचार ब्यूरो, आकाशवाणी, दूरदर्शन, भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी व कर्मचारियों सहित महिला पत्रकार भी मौजूद रहे।

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