रोगमुक्त विश्व के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिले -राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि मानवता के कल्याण के लिए परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों के साथ ही इलेक्ट्रोपैथी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने ऐसी चिकित्सा पद्धतियों के सकारात्मक परिणामों पर गहन शोध और अनुसंधान करने पर जोर देते हुए ऐसे ज्ञान से रोगमुक्त विश्व की ओर आगे बढ़ने का आह्वान किया है।

मिश्र आज यहां राजभवन में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के विशेष वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में पूरे विश्व के कल्याण की बात है। इसे दृष्टिगत रखते हुए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का मानव कल्याण में अधिकाधिक उपयोग किए जाने की वैश्विक सोच से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कोरोना के इस समय में आयुर्वेद की कारगर भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर पारम्परिक भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के महत्व को स्वीकार किया गया है। इसी तरह होम्यौपैथी और इलेक्ट्रोपैथी जैसी पद्धतियों का भी महत्व देखा गया है।

राज्यपाल कहा कि हमारे यहां संसाधनों की कमी नहीं है। चिकित्सा पद्धतियो के विषय विशेषज्ञ भी हैं। इसे देखते हुए प्रयास यह किए जाएं कि भारत वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में विश्व का बड़ा केन्द्र बने। उन्होंने इस बात पर चिंतन और मनन करने की आवश्यकता जताई कि कैसे वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के मानव स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए अधिक से अधिक कार्य हो सके।

मिश्र ने इलेक्ट्रौपैथी से ईलाज से जुड़े ज्ञान और नुस्खों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ते हुए भी वृहद स्तर पर कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होनें कहा कि पूर्णतरू हर्बल इस चिकित्सा पद्धति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका है, उससे संबंधित ज्ञान का अधिकाधिक प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि कम से कम साइड इफेक्ट्स वाली चिकित्सा पद्धतियों के विकास के साथ ही उनकी आम जन में सहज उपलब्धता के लिए भी प्रयास किए जाने पर जोर दिया।

राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा सभी आयुष चिकित्सा पद्धतियों को अनुमति प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करने की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम सरकार के लोक कल्याणकारी दृष्टिकोण को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसी चिकित्सा पद्धतियों को अधिकाधिक प्रोत्साहन मिले जो सभी के लिए सहज सुलभ हो। इससे पहले इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ श्री हेमन्त सेठिया ने इस पद्धति से जुड़ी विशेषताओं और कोरोना महामारी में इसकी उपादेयता के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने इलेक्ट्रौपैथी के विकास के लिए राजस्थान में कार्य किए जाने में सहयेाग का भी अनुरोध किया।