डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के राज्य सरकार से संबंधित प्रकरणों का तत्परता से निस्तारण करें : निरंजन आर्य

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) की माल परिवहन परियोजना के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार से संबंधित प्रकरणों का तत्परता से निस्तारण करने के निर्देश दिए। आर्य बुधवार को यहां शासन सचिवालय में डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव आर्य ने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) माल परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली परियोजना है, जिसका राजस्थान में सबसे पहले कार्य पूर्ण होना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने राज्य सरकार से संबंधित बिन्दुओं पर चर्चा कर अधिकारियों को प्राथमिकता से निस्तारण करने के निर्देश दिए, ताकि समय पर परियोजना का पूरा लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग डीएफसी नेटवर्क के लिए बिजली उपलब्ध कराने की कार्यवाही शीघ्र पूरी करें। उन्होंने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग को अजमेर एवं आबू रोड में रेलवे ओवर ब्रिज के भूमि संबंधी प्रकरणों का जल्दी निस्तारण करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को डीएफसी स्टेशन से रोड कनेक्टीविटी मुहैया कराने के लिए जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

डीएफसीसीआईएल के एमडी आरके जैन ने बताया कि दिल्ली से मुंबई के मध्य बन रहे 1506 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का राजस्थान में 567 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जहां कॉरिडोर का कार्य पूर्ण हो चुका है। हरियाणा, गुजरात एवं महाराष्ट्र में अभी काम चल रहा है।

राज्य के 7 जिलों से गुजरने वाले इस कॉरिडर में 16 स्टेशन बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में पालनपुर (गुजरात) से रेवाड़ी (हरियाणा) के बीच माल लदे ट्रकों और दूसरे वाहनों की ढुलाई के लिए रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सर्विस शुरू करना प्रस्तावित है।

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