दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का विरोध

केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ बचाओ अभियान के तहत कांग्रेस गंगा स्नान कर निकालेगी पदयात्रा

देहरारादून। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस पार्टी मुखर होकर विरोध की आवाज बुलंद करेगी और इस मुद्दे को लेकर आंदोलन छेड़ेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में 24 जुलाई से केदारनाथ बचाओ अभियान के तहत हरिद्वार से गंगा स्नान कर जय गंगे, जय केदार पदयात्रा की शुरुआत की जाएगी। यह यात्रा केदारनाथ में पूजा के साथ संपन्न होगी।

मंगलवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करना माहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी सदस्य व बदरी केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता की, जिसमें मुख्यमंत्री धामी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का कांग्रेस पुरजोर तरीके से विरोध को आगे भी जारी रखेगी। इस मौके पर पार्टी मुख्यालय में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। गणेश गोदियाल ने उपचुनाव में पार्टी की जीत पर बदरीनाथ और मंगलौर की जनता का आभार जताया।

दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति लोग आशंकित

उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति लोग आशंकित है। मुख्यमंत्री पर लोग शक कर रहे हैं। इसकी कांग्रेस निंदा करती है। शिला धाम से गयी है। उसका स्वामित्व किसका है, केदार शिला पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता। यह उत्तराखंड का आध्यात्म है। मुख्यमंत्री से जो भूल हुई है, अब उनको स्वीकार करते हुए जनता से माफी मांगनी चाहिए। उत्तराखंड की आस्था को बचाने का अभी भी समय है।

धामी धाम की शिला वापस लाएं

उन्होंने कहा कि शिव मंदिर बनाएं लेकिन बिलकुल उसी तरह का मंदिर बनाने का प्रयास ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री धामी जल्द से जल्द धाम की शिला दिल्ली से लेकर आएं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट नाम हम बिल्कुल स्वीकार नही करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य हित में फैसले करने पर सरकार के साथ है।

मंदिर समिति की ओर से गलती की जा रही है

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि एक के बाद मंदिर समिति की ओर से गलती की जा रही है। पहले 223 किलो सोने की चोरी की बात आई। उस पर शंकाराचार्य जी का बयान भी आया है। इसके बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है।

केदारनाथ धाम को व्यापार का केन्द्र बनाना ठीक नहीं

अब दिल्ली में प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर निर्माण का शिलान्यास करना समझ से इतर है। यहीं नहीं, केदारनाथ से शिलालेख भी मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में ले जाया गया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम को व्यापार का केन्द्र बनाना ठीक नहीं है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग बहुत पुराना है। राज्य की रोजीरोटी से धाम जुड़ा हुआ है।

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