
जयपुर। शिक्षा में सुधार और वर्तमान स्कूल फीस मुद्दे को लेकर पिछले 18 दिनों से शहीद स्मारक, गवर्मेन्ट हॉस्टल पर संयुक्त अभिभावक संघ का धरना गुरुवार को भी जारी रहा साथ ही क्रमिक अनशन का भी आठवां दिन रहा, आठवें दिन वैशाली नगर के अभिभावक अनिल वर्मा ने अनशन रखा और अपना विरोध दर्ज करवाया। इसी दौरन संयुक्त अभिभावक संघ के चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल (अभिषेक जैन बिट्टू, एडवोकेट अमित छंगाणी, युवराज हसीजा, मनोज जसवानी) ने राजस्थान सरकार में मुख्य संचेतक महेश जोशी से भी दो चरणों में मुलाकात की और अभिभावकों का पक्ष रखकर उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया साथ ही अभिभावकों की पीड़ा से भी अवगत करवाया। इस बीच अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हितेश बागड़ी, महिला अध्यक्ष सुषमा पारीक, दीप्ति जैन सहित दो दर्जन से अधिक अधिवक्ताओ सहित विभिन्न स्कूलों के प्रतिनिधियों ने धरने में भाग लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी दी कि विजय दिवस के अवसर पर महेश जोशी ने पहल करते हुए शहीद स्मारक स्थित अभिभावकों के धरने पर पहुंचे थे और अभिभावकों की पीड़ा जान सरकार तक बात पहचाएँ जाने का आश्वासन दिया तथा विस्तृत वार्ता के लिए संयुक्त अभिभावक संघ के प्रतिनिधि मण्डल को गुरुवार को वार्ता के लिए बुलाया था। जिसके बाद गुरुवार को सुबह 10 बजे और सायं 4 बजे दो चरणों मे प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्य सचेतक महेश जोशी से वार्ता कर उन्हें ज्ञापन दिया गया और वार्ता की गई। ज्ञापन पत्र को उन्होंने पूरा पढ़ने के बाद आश्वस्त किया कि अभिभावकों की बात वह स्वयं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के समक्ष रखेंगे और अभिभावकों की पीड़ा का हल निकलवाएंगे। अभिभावकों की समस्याओं के सम्बंध में सरकार को पत्र लिख सिफ़ारिश करने का आश्वासन दिया एवं शुक्रवार को प्रातः 10.30 बजे वह खुद धरना स्थल पर पहुंचकर अभिभावकों को सम्बोधित कर समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किए जाने एवं धरना समाप्त करने का अनुरोध करेंगे।
राजस्थान स्कूल्स ( रेग्युलेशन आफ फ़ीस ) ऐक्ट 2016 को तर्कसंगत बनाए जाने के लिए संघ ने शुरू की क़वायद
गत नो महीने से चल रहे अभिभावक आंदोलन का मुख्य कारण फ़ीस एक्ट 2016 की सुचारु रूप से अनुपालना नहीं होना है। अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि फीस एक्ट को ओर अधिक तर्कसंगत एवं सुचारु बनाए जाने के लिए संयुक्त अभिभावक संघ ने फ़ीस एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों के लिए सिफ़ारिश किए जाने के लिए सामाजिक न्याय एवं विधि विशेषज्ञ रितेश शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। उक्त समिति शीघ्र रिपोर्ट तैयार करेगी जिसके आधार पर फ़ीस ऐक्ट में संशोधन कराए जाने की क़वायद शुरू की जाएगी। जिससे अभिभावकों की समस्याओं का स्थाई निराकरण होगा।