’रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून। पानी गए न उबरै, मोती, मानुष, चून’

’रहिमन पानी राखिये,
’रहिमन पानी राखिये,

छापरवाडा बांध का निर्माण वर्ष 1894 में रियासतकाल में 7.03 लाख की राषि से किया गया था ताकि आस-पास के ग्रामों में सिंचाई व जल स्तर में अभिवृद्धि सुनिश्चित हो सके। छापरवाडा बांध जल संसाधन विभाग का एक वृहद बांध है। यह बांध जयपुर जिले की दूदू विधानसभा मे तहसील दूदू के ग्राम छापरवाडा मे स्थित है। बांध की चार मुख्य नहरंे हैं जिनमे जयपुर जिले की दूदू, मौजमाबाद एवं फागी तहसील तथा टोंक जिले की मालपुरा तहसील के कुल 52 गांवो में सिंचाई होती है। इसकी पाल 4260 मी. लम्बी एवं बांध की चारो नहरों की कुल लम्बाई 96 किलोमीटर है। चार तहसीलों के 52 गांवो के 11741 हेक्टेयर भूमि मे सिंचाई होती है। इसका कैचमेंट एरिया 824 वर्ग किलोमीटर है। बांध की कुल भराव क्षमता 17 फीट है।

बांध का ओवरफ्लो पानी मासी नदी से होता हुआ मासी बंाध में जाता है। इसकी भराव क्षमता 1236 मीलियन घन फीट (35 मिलियन घन मीटर) है। बांध पूर्वी नहर परियोजना में शामिल है इससे कमांड क्षेत्र के 11741 हेक्टेयर की सिंचाई होने के पष्चात् अतिरिक्त (सरप्लस) पानी कालख नहर के माध्यम से मधोराजपुरा मे चला जाता है। वर्ष 1995 के पष्चात् वर्ष 2024 में 29 वर्ष के बाद बांध पर चादर चलने से किसानों और आमजन के लिए उमंग ओर उत्साह का माहौल बना है। बजट घोषणा वर्ष 2025 में प्रदेष के माननीय कृषक हितैषी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने अपने कार्यकाल के प्रथम बजट 2024 में ही छापरवाड़ा बांध के नहरों की नवीनीकरण हेतु 40 करोड़ की राषि स्वीकृत की ताकि नहरो के पक्काकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य कराकर किसानो को सिंचाई का पानी उचित मात्रा मे उपलब्ध कराया जा सके।

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