राहुल गांधी असम और मणिपुर दौरे पर

मणिपुर से सटे असम के फुलेरताल में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात करते राहुल गांधी।
मणिपुर से सटे असम के फुलेरताल में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात करते राहुल गांधी।

बाढ़ और हिंसा प्रभावितों से मिले राहुल गांधी

इंफाल/कछार। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को असम और मणिपुर के दौरे पर हैं। राहुल सुबह 10 बजे पहले असम के सिलचर पहुंचे। उन्होंने फुलेरताल के थलाई इन यूथ केयर सेंटर में राहत शिविर का दौरा किया और लोगों से बातचीत की। राहुल गांधी करीब 25 मिनट तक शिविर में रहे। उन्होंने इस दौरान शरणार्थियों से बात की और समस्याओं को सुना। उनके साथ प्रदेश असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह और अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। इसके बाद राहुल गांधी मणिपुर के जिरिबाम के लिए रवाना हो गए।

असम में एक घंटे रुके राहुल गांधी

राहुल असम में 1 घंटे रुकने के बाद करीब 12 बजे मणिपुर के जिरिबाम पहुंचे। यहां से इंफाल पहुंचने के बाद राहुल चुराचांदपुर में मंडप तुईबोंग रिलीफ कैंप के लिए रवाना हुए। राहुल के मणिपुर आने से पहले रात 3.30 बजे जिरिबाम के फिटोल गांव में उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों के कैस्पिर वैन (एंटी लैंड माइन वैन) पर फायरिंग की। उन्होंने एक फायर ब्रिगेड के वाहन को भी निशाना बनाया। सुरक्षाबलों ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।

क्यों हो रही है मणिपुर में हिंसा

मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। एसटी वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50 फीसदी है। राज्य के करीब 10 फीसदी इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90 फीसदी इलाके में रहते हैं।

हाईकोर्ट ने केंद्र को सिफारिश भेजी तो भड़के कुकी

मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। इसके बाद कुकी समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया जो बाद में हिंसक होता चला गया।

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