
नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय ने ब्लॉक सेक्शनों में स्थित लेवल क्रॉसिंग (LC) गेटों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु 15-दिवसीय विशेष सुरक्षा निरीक्षण अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य रेल और सड़क यातायात के बीच सुरक्षित समन्वय बनाए रखना और दुर्घटनाओं की संभावनाओं को न्यूनतम करना है। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया जब माननीय रेल मंत्री ने, अपने पिता के निधन के एक दिन बाद भी, रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करने में कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने फोन के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर ‘लेवल क्रॉसिंग गेट सुरक्षा’ पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
रेल मंत्री द्वारा लिए गए 11 अहम निर्णय इस प्रकार हैं:
- सभी LC गेटों पर CCTV कैमरे और रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाए जाएंगे – बिजली आपूर्ति हेतु सौर पैनल, बैटरी बैकअप और UPS का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
- “सड़क यातायात के लिए बंद” गेटों की नीति की समीक्षा कर उन्हें खुले गेटों में परिवर्तित करने की योजना।
- इंटरलॉकिंग कार्यों को मिशन मोड में तेज़ी से पूर्ण किया जाएगा।
- रेलवे पीएसयू को इन कार्यों में सम्मिलित किया जाएगा।
- TVU सीमा को घटाकर 10,000 किया गया – इससे अधिक वाले गेटों पर इंटरलॉकिंग अनिवार्य।
- ROB/RUB/LHS योजनाओं से अलग भी इंटरलॉकिंग की जाएगी।
- गैर-इंटरलॉक गेटों पर प्रतिदिन यादृच्छिक वॉयस रिकॉर्डिंग जांच की जाएगी।
- वॉयस लॉगर सिस्टम की कार्यशीलता DRM द्वारा सत्यापित की जाएगी।
- स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्डों को मानकीकृत किया जाएगा।
- LC गेट समाप्त करने हेतु RUB/ROB निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाएगी।
- विवादग्रस्त गेटों पर RPF/होमगार्ड की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
इस अभियान के अंतर्गत पूरे देश के रेलवे मंडलों में निरीक्षण टीमों को सक्रिय कर दिया गया है जो LC गेटों की स्थिति, कर्मचारियों की सतर्कता, उपकरणों की कार्यशीलता, और सुरक्षा मापदंडों के अनुपालन की गहन जांच करेंगी। रेलवे मंत्रालय द्वारा उठाए गए ये कदम यात्रियों की सुरक्षा और सेवा गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास हैं।