
अजमेर। अजमेर शहर की फायसागर झील की पाल की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में वहां से पानी का रिसाव शुरू हो गया। इसकी सूचना मिलने पर देर रात नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू कर दिया गया। टीम शनिवार रात के अंधेरे में अपनी जान जोखिम में डालकर पानी में उतरी और क्षतिग्रस्त दीवार के सहारे मिट्टी के कट्टे लगाकर दीवार को टूटने से बचाने का प्रयास किया। नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेस की टीम में 200 से ज्यादा कर्मचारी शामिल रहे। निगम अधिकारियों को शनिवार की रात सूचना मिली कि फायसागर झील के पानी को रोकने के लिए बनाई गई पाल (दीवार) से पानी का रिसाव हो रहा है। यह सूचना मिलते ही निगम के अधिशासी अभियंता मनोहर सोनगरा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अजमेर बारिश

क्षतिग्रस्त दीवार के सहारे बजरी के कट्टे लगाकर दीवार को सपोर्ट देने का निर्णय लिया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई गई है। अभी कोई ऐसा खतरा नजर नहीं आ रहा है। बता दें कि झील का जल स्तर 27 फीट हो चुका है और यहां चादर चल रही है। यदि ये दीवार क्षतिग्रस्त हो जाती है तो शहर में बाढ़ के हालात बन जाएंगे। यहां दीवार की स्थिति पर नजर रखने के लिए निगम कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। किसी भी विकट स्थिति से बचने के लिए सुबह आसपास के इलाकों को खाली कराया जा सकता है।
ग्रामीणों के अनुसार यहां से पाल की दीवार क्षतिग्रस्त हुई है। वो स्थान पाल के बीच में है। यहां तक पहुंच काफी मुश्किल है। क्षतिग्रस्त दीवार से काफी तेजी से पानी का बहाव हो रहा है। ये पानी दीवार को कटाव ला रहा है। ऐसे में ये इंतजाम काफी नहीं हैं। पाल की दीवार कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो इससे होने वाली तबाही को कोई रोक नहीं पाएगा। अजमेर में बरसात के कारण भरे पानी ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है। शहर की नीचली बस्तियों के साथ आवागमन के कईं प्रमुख रास्तों पर पानी भरा है। मुख्यत: आनासागर के पुरानी चौपाटी व पुष्कर रोड मुख्य मार्ग पर पानी का भराव है। ऐसे में आवागमन मुश्किल हो गया है।
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