राजस्थान को 1000 मेगावाट ऑवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए पुनः न्यूनतम टैरिफ मिली

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
  • राजस्थान में 6000 मेगावाट बीईएसएस परियोजनाओं से 6 हजार करोड़ का निवेश होगा

जयपुर। ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में एक और सफलता के रूप में राजस्थान में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) के माध्यम से भी वीजीएफ सहित 1 हजार मेगावाट ऑवर्स बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना की स्थापना के लिए पुनः देश में अब तक की सबसे कम टैरिफ प्राप्त हुई है। एनवीवीएन के माध्यम से हाल ही में आयोजित 1000 मेगावाट ऑवर की बीईएसएस क्षमता की प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया में 2.16 लाख से 2.19 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति माह की टैरिफ रेंज प्राप्त हुई है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया में सोलर 91 (100 मेगावाट ऑवर), ट्रू आरई-ओरियाना पावर लिमिटेड (250 मेगावाट ऑवर), रेज पावर एक्सपर्ट्स प्रा. लि. (100 मेगावाट ऑवर), आइनॉक्स रिन्यूएबल सॉल्यूशंस लिमिटेड 100 मेगावाट ऑवर) और स्टोकवेल सोलर (450 मेगावाट ऑवर) आदि अग्रणी ऊर्जा कंपनियों ने भाग लेकर देश में अब तक की सबसे कम बोली लगाकर सफलता प्राप्त की है।

इस परियोजना को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की व्यवहार्यता अंतर निधि (वाइबिलिटी गेप फंडिंग) योजना के तहत ₹27 लाख प्रति मेगावाट ऑवर के वित्तीय सहयोग प्रदान किया जायेगा। वीजीएफ सहायता से इन परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता और प्रतिस्पर्धी टैरिफ सुनिश्चित हो सका है। राज्य में बी ई एस एस द्वारा स्टोरेज करने पर ढाई रुपए प्रति यूनिट टैरिफ दर होगी और 1हजार मेगावाट की परियोजना से 10 लाख यूनिट सुबह और 10 लाख यूनिट शाम को (कुल 20 लाख यूनिट) बिजली स्टोरेज की जा सकेगी। इस प्रकार दिन में अक्षय ऊर्जा की सस्ती बिजली लेकर बीईएसएस परियोजना में स्टोरेज करके पीक टाइम पर महंगी बिजली खरीदने की जगह 4 से 5 रुपये प्रति यूनिट की दर पर ही राज्य में आमजन के लिए बिजली का उपयोग किया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी के दिशा-निर्देशन और निरंतर समर्थन से राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा एवं भंडारण क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। उन्होने देश में सबसे कम टैरिफ लाने पर राज्य के ऊर्जा विभाग, एनवीवीएन, नोडल विभाग राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के प्रबन्धन को भी बधाई दी है। ये बीईएसएस परियोजनाएँ राज्य में मार्च 2027 तक स्थापित की जाएगी और राज्य की ग्रिड स्थिरता, नवीकरणीय ऊर्जा समेकन तथा पीक डिमांड प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। ऊर्जा भंडारण प्रणाली राज्य की वितरण कंपनियों को महंगी पीक आवर्स की बिजली खरीद से मुक्ति दिलाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों से केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने हाल ही में राजस्थान को 4 हजार मेगावाट ऑवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली क्षमता का आवंटन किया गया है। इसके अतिरिक्त उत्पादन निगम द्वारा 1 हजार मेगावाट ऑवर और एनवीवीएन द्वारा 1 हजार मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना की स्थापना प्रक्रियाधीन हैं। इस प्रकार कुल 6 हजार मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने से राजस्थान में लगभग 6 हजार करोड़ का निवेश होगा।