
राजस्थान से सालाना 800 करोड़ का कारोबार होता है तुर्किए के साथ
जयपुर। भारत के सामरिक हितों के खिलाफ जाकर पाकिस्तान की मदद करने वाले देश तुर्किए का अब देश भर में कारोबारी बहिष्कार होना शुरू हो गया है। औसतन भारत और तुर्किए के बीच करीब 80 हजार करोड़ का सालाना ट्रेड होता है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी लगभग 1 से डेढ़ प्रतिशत है। फैडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स (फोरे) के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा बताते हैं कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देकर तुर्किए ने खुद के पैर पर कुल्हाडी मारी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में तुर्की से सालाना 800 से 1000 करोड़ रुप का इंपोर्ट होता है।
वह मुख्य रूप से जेम्स एंड ज्वेलरी तथा मार्बल सेक्टर में है। ज्लेवरी के लिए प्लेटिंग मशीनें तुर्किए से ही मंगवाई जाती हैं। इसके अलावा यहां से सस्ता होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग हॉलीडे पैकेज पर भी तुर्किए में जाते रहे हैं। लेकिन अब राजस्थान के कारोबारियों ने तुर्किए के संपूर्ण बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। राजीव अरोड़ा ने बताया कि तुर्किए के बजाय अब यहां के कारोबार इटली और हांगकांग का रुख करेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान के लोगों के लिए तुर्किए एक उभरता हुआ बाजार था लेकिन अब पाकिस्तान का साथ देकर उन्होंने अपने बाजार को ही खराब किया है।
राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(RCCI) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कारोबारियों से अपील की कि तुर्किए का पूरी तरह बहिष्कार करें
अंतराष्ट्रीय मारवाड़ी सम्मेलन, राजस्थान अध्यक्ष, फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इंडस्ट्री का कार्यकारी अध्यक्ष तथा भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल (क्चरूङ्क) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हूं। मैं राजस्थान के कारोबारियों से अपील करता हूं कि तुर्किए का पूरी तरह बहिष्कार करें। राजस्थान में उदयपुर की मार्बल मंडी के कारोबारियों ने घोषणा कर दी है कि यहां अब तुर्किए से मार्बल आयात नहीं किया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान में तुर्किए से मसाने और मशीनरी भी आते हैं उसके लिए भी मैं सभी व्यापारियों से अपील करता हूं कि तुर्किए से किसी भी तरह का कारोबार का बहिष्कार करें।