राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी देवनानी सीपीए भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति के सदस्य बनाये गये

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति का सदस्य बनाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला इस समिति के अध्यक्ष होंगे। यह समिति राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ की महत्वपूर्ण समिति है। यह समिति संघ के संविधान, विभिन्न गतिविधियों के कलैण्डर निर्माण और इसकी विभिन्न राज्यों की शाखाओं से आने वाले सुझावों पर चर्चा कर निर्णय लेगी। दिल्ली में लोक सभा में चल रहे दसवें राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के सम्मेलन में कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में संघ के इस वर्ष आयोजित किये जाने वाले कर्यक्रमों पर निर्णय लिया गया।विकास सर्वव्यापी हो राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के दसवें सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि समावेशी विकास हमारी सनातन संस्कृति का अंग है। सर्वे भवन्तु सुखिनः भारत की परम्परा है। उन्होंने कहा कि विकास सतत होने के साथ समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी होना चाहिए ताकि उसका लाभ प्रत्येक वर्ग को मिल सके।

विकास की आधारशिला है विधायिका:– देवनानी ने कहा कि विधायिका विकास की आधारशिला है। यह लोकतंत्र का एक प्रमुख स्तम्भ होने के साथ ही भविष्य की कुंजी हैं। विधायिका द्वारा निष्ठा व संवेदनशीलता से अपनी भूमिका के किये गए निर्वहन से सभी को समान अवसर मिलने के साथ प्रगतिशील समाज की रचना हो सकती है।जनता के साथ जुडना होगा विधायिका को अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि विधायिका को जनता के साथ जुडकर उनकी आवश्यकताओं और आंकाक्षाओं को समझना होगा। जातिवाद, क्षेत्रवाद, सदन की कम होती बैठकों, सदन संचालन में बढती बाधाओं सहित अनेक चुनौतियों का सामना करके लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए विधायिका को अधिक सक्रिय व संवेदनशील होना होगा।

विधायिका के पास अनगिनत संभावनाएं :- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधायिका के पास भविष्य के सतत और समावेशी विकास के लिए अनगिनत संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि सही दिशा में कदम उठाकर प्रत्येक व्यक्ति को विकास की धारा से जोडा जा सकता है। विधायिका को ऐसे कानून बनाने चाहिए, जो हाशिए पर खडे समुदार्यों और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के लाभ मिल सके। जनता की आवाज को नीतियों में बदलने का प्रभावी माध्यम है विधायिका :- स्पीकर देवनानी ने कहा है कि विधायिका जनता की आवाज को नीतियों में बदलने का प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि विधायिका को ऐसा ढांचा तैयार करना होगा, जिससे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को प्रभावी ढंग से बढावा दिया जा सके।