राजस्थान विधानसभा : विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट

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  • जूली ने कहा- विधायकों को डराने-धमकाने की साजिश

  • स्पीकर बोले- विशेषाधिकार समिति फैसला ​करेगी

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया। RLD विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने इसे विधायकों को डराने और चुप कराने की साजिश करार दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि डॉ. सुभाष गर्ग भरतपुर के विधायक हैं और केंद्र में उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) एनडीए सरकार का सहयोगी दल है। यहां सरकार उनके विरोध में है और विपक्ष ने समर्थन किया है। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने तर्क दिया कि 24 फरवरी को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान भरतपुर के लोहागढ़ में रह रहे लोगों को नोटिस देने के मामले को उठाते हुए सुभाष गर्ग ने गलत तथ्य रखे, जिससे विधानसभा का समय जाया हुआ। इसे सदन की कार्यवाही बाधित करने की साजिश बताया गया।

कांग्रेस का पलटवार: “लोकतंत्र की हत्या”

कांग्रेस विधायकों ने इस प्रस्ताव पर तीखा विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा—”अगर विधायक अपने क्षेत्र की समस्याएं नहीं उठा सकते, तो फिर सदन की प्रासंगिकता ही क्या रह जाएगी? कल को सरकार इस आधार पर विधायकों पर मुकदमे दर्ज करवाने लगेगी। ऐसे में कोई भी विधायक खुलकर नहीं बोल पाएगा।” कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा, हरिमोहन शर्मा और उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा ने भी इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

कानून-व्यवस्था पर घमासान तय

आज सदन में पुलिस और जेल विभाग से जुड़ी अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाएगा। मंत्री किरोड़ीलाल के फोन टैपिंग विवाद को लेकर भी सरकार को घेरा जाएगा। बीजेपी विधायक कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अपराध आंकड़ों से तुलना कर जवाबी हमला करने की रणनीति में हैं। सदन में दिनभर गरम माहौल रहने के आसार हैं। पिछली बार भी कांग्रेस विधायकों ने फोन टैपिंग के आरोपों पर जमकर हंगामा किया था। उस समय सदन में गतिरोध इस हद तक बढ़ गया था कि नेता प्रतिपक्ष का भाषण भी नहीं हो सका।