
जोधपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शिक्षा नीति इकाई द्वारा भारतीय भाषा पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मीडिया प्रभारी प्रो. (डॉ.) दिनेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में 20 स्नातकोत्तर एवं स्नातक प्रतिभागियों ने गायन, नाटक एवं पोस्टर श्रेणी में भाग लेकर तेलगु, कन्नड़, हिन्दी, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, मणिपुरी, गुजराती एवं हरयाणवी आदि भाषाओं द्वारा भारतीय भाषाओं के महत्व को दर्शाया। नाटक बीमार मां हिन्दी में मातृभाषा की मार्मिक स्थिति को उजागर किया गया।
निर्णायक मण्डल के सदस्य डॉ. चन्द्रभान शर्मा ने भारतीय भाषा उत्सव द्वारा भाषा के विकास के लिए उचित वातावरण तैयार करने पर आयोजन दल की प्रशंसा की। निर्णायक डॉ. गौरव नागर ने राजस्थानी गीत द्वारा श्रोताओं का उत्साहवर्धन करते हुए विविध भाषाओं के महत्व को बताया।प्रो. शर्मा ने गीत गायन द्वारा युवाओं को विषम परिस्थितियों में सकारात्मक सोच एवं उचित आचरण बनाये रखने हेतु प्रेरित किया। आयोजन अध्यक्ष प्रो. महेन्द्र कुमार शर्मा ने तकनीकी शिक्षा में भारतीय एवं स्थानीय भाषाओं के समावेश की आवश्यकता बताते हुए वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की पहचान एवं उच्च शिक्षा में पिछड़े स्थानों के युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने हेतु इन आयोजनों का महत्व बताया।
प्रो. रितु कपूर एवं डॉ. यशस्वी शाककद्वीपीय ने आयोजन से संबंधित जानकारी दी साथ ही एनईपी 2020 के तहत होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। सारथी कॉओर्डिनेटर प्रो. (डॉ.) हरीश कुमार सिंघल ने बताया कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा निर्देशित प्रतिमाह एनईपी सारथी विद्यार्थियों की सहायता से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रचार के लिए गतिविधियां आयोजित कर रहा है।इस श्रृंखला में फरवरी माह में प्रश्नोत्तरी एवं भारतीय भाषा उत्सव आयोजन किया गया जिसमें 200 से ज्यादा विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।