चिकित्सा के क्षेत्र में पायनियर बनकर उभर रहा राजस्थान : मुख्यमंत्री

11 जिलों में आईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू के शिलान्यास

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों से राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पायनियर बनकर उभर रहा है। देश के दूसरे राज्यों के लोग भी हमारी चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने राजस्थान आ रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं और भी बेहतर हों, इसके लिए राजधानी से लेकर गांव-ढाणी तक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है।

गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश के 11 जिलों के 17 चिकित्सालयों मेें आईसीयू, नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू), शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) तथा मदर केयर यूनिट के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। करीब 94 करो? 10 लाख रूपये की लागत से होने वाले इन कार्यों के पूरा होने से 531 बैड की बढ़ोतरी होगी। इसमें आईसीयू के 270, एनआईसीयू के 208, पीआईसीयू के 33 बैड तथा मदर केयर यूनिट के 20 बैड शामिल हंै।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर का मुकाबला किया। हमारे भीलवाड़ा और रामगंज मॉडल को देश-दुनिया में पहचान मिली और दूसरे राज्यों ने भी इसे अपनाया। दूसरी घातक लहर में ऑक्सीजन एवं दवाओं की आपूर्ति तथा बैड्स को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे सबक लेते हुए हमारी सरकार मेडिकल कॉलेजों से लेकर सीएचसी-पीएचसी स्तर तक चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत कर रही है ताकि तीसरी लहर आए तो हमें इस महामारी के मुकाबले में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। आज हुए शिलान्यासों से इन जिलों में चिकित्सा व्यवस्था और मजबूत होगी।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान ऐसा प्रदेश है जो सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में अधिकाधिक मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए यूपीए सरकार के समय योजना बनी थी। राजस्थान ने इस दिशा में पूरी तैयारी के साथ आवश्यक शर्तों को पूरा किया, जिसके चलते 30 जिलों में सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की ओर हमारे कदम बढ़ सके। शेष तीन जिलों में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत कराने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को सम्बल देने के लिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना लागू की है। इससे अनाथ बच्चों एवं विधवा महिलाओं के जीवन की राह आसान हो सकेगी। इसके साथ ही प्रदेशवासियों को इलाज के भारी-भरकम खर्च से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई है। सभी जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ आदि हर पात्र परिवार को इस योजना से जोडऩे में अपनी भागीदारी निभाएं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि दूसरी लहर के कटु अनुभवों से सबक लेते हुए हमारी सरकार ऑक्सीजन उत्पादन एवं शिशु चिकित्सा इकाइयों में बढ़ोतरी की योजना पर तेजी से काम कर रही है। राज्य में एक हजार मेट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता हासिल करने की दिशा में हम अग्रसर हैं।

उन्होंने बताया कि मार्च 2020 में प्रदेश में ऑक्सीजन बैड 5,448 थे। इनकी संख्या बढ़ाकर 13 हजार की जा रही है। साथ ही, आईसीयू के 1125 बैड थे, जिनकी संख्या अब 2622 हो जाएगी। इसी तरह एनआईसीयू बैड की संख्या 475 से बढ़ाकर 1554, पीआईसीयू बैड की 164 से 1048 और एसएनसीयू बैड की संख्या 222 से बढ़ाकर 308 की जा रही है।

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष में राज्य सरकार ने पूरे समर्पण भाव और मुस्तैदी के साथ कोरोना का प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोगों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन 1.50 लाख कोविड टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर ली गई है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा प्रारम्भ हो गई है। विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का कार्य 15 अगस्त तक पूरा होना संभावित है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवांगी स्वर्णकार ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर विभिन्न जिलों के सांसद-विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन, संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं अधीक्षक सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

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