राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए मिलकर कार्य करें: राज्यपाल

जयपुर। राजभवन में शुक्रवार को गोवा, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्यों का स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने इस दौरान इन राज्यों के स्थानीय निवासियों को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनसे संवाद किया।

उन्होंने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना के तहत राजभवन में राज्यों के स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि विविधता में एकता की हमारी संस्कृति से हम सदा जुड़े रहें। उन्होंने राज्यों के निवासियों को अपनी मातृभूमि और वहां की परम्परा, संस्कृति से जुड़े रहने के साथ जहां निवास कर रहे हैं उस राज्य के विकास में सहभागी बनने का भी आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि गोवा आजादी के बाद भी पुर्तगाल के कब्जे में था। इसके लिए बाकायदा सत्याग्रह आंदोलन हुआ। महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों से लोगों ने गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लिया। कर्नाटक केसरी कहे जाने वाले जगन्नाथ जोशी सहित सुधीर फड़के आदि ने गोवा की आजादी में महती भूमिका निभाई।

उन्होंने गोवा को देश का सुंदर पर्यटन स्थल बताते हुए वहां की लोक संस्कृति से भी प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने तेलंगाना के नए राज्य बनने की चर्चा करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की ही राजधानी हैदराबाद रखी गयी। इन राज्यों की भाषा, संस्कृति को उन्होंने महती बताया।

राज्यपाल ने पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम को प्रकृति का उपहार बताते हुए कहा कि यह छोटा सा परन्तु भारतीय संस्कृति में रचा—बसा प्रदेश है। लघु तिब्बत के रूप में यह जन—आस्थाओं से भी जुड़ा है।

इसी तरह उन्होंने पश्चिम बंगाल को आजादी आंदोलन का गढ़ बताते हुए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का भी विशेष रूप से स्मरण किया। उन्होंने कहा कि बंगाल कला संस्कृति के साथ रवीन्द्रनाथ टैगोर की पावन धरा है।

उन्होंने राष्ट्र प्रथम की सोच रखते हुए सभी को देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की नई पीढ़ी की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता कैसे बढ़े, इसके लिए सभी मिलकर कार्य करे।

इससे पहले इन राज्यों के निवासियों ने राज्यपाल का अभिनंदन किया और राजभवन में आमंत्रण के लिए आभार जताया।