
जयपुर। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से 14वें ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) के अवसर पर जयपुर, राजस्थान में ‘मीट इन इंडिया’ कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस मौके पर भारत सरकार के पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कॉन्क्लेव को संबोधित किया और कहा कि भारत का मीटिंग, इन्सेन्टिव्ज, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशंस (MICE) उद्योग उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने वाला एक प्रमुख आर्थिक चालक बनने के लिए तैयार है। कॉन्क्लेव में संबोधित करते हुए, शेखावत ने कहा, “भारत का MICE उद्योग तेजी से एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, जिसे मजबूत आर्थिक विकास, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और मजबूत सरकारी समर्थन से बल मिल रहा है। देश भर के राज्य अपने-अपने अनूठे तरीकों से पर्यटन के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं – और अब समय आ गया है कि भारत वैश्विक MICE मानचित्र पर अपनी स्थिति मजबूत करे।
भारत मंडपम, यशोभूमि और जियो वर्ल्ड सेंटर जैसे प्रतिष्ठित स्थलों और इन्क्रेडिबल इंडिया कैम्पेन के तहत MICE को प्राथमिकता देने के साथ, हमारा लक्ष्य कम से कम 10 भारतीय शहरों को दुनिया के शीर्ष MICE स्थलों में शामिल कराना है। पर्यटन मंत्री ने MICE क्षेत्र में देश की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व से प्रेरित होकर तथा राजस्थान जैसे राज्यों की विरासत और नवाचार के माध्यम से अग्रणी भूमिका के साथ, भारत दुनिया का सबसे प्रशंसित पर्यटन और आयोजन स्थल बनने की ओर अग्रसर है।” नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यटन और आतिथ्य दुनिया के सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ताओं में से हैं। उन्होंने भारत की युवा, महत्वाकांक्षी अर्थव्यवस्था में उच्च गुणवत्ता वाली, कौशल-प्रधान नौकरियां सृजित करने के लिए इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
केवल बुनियादी ढांचे के विकास से आगे बढ़कर व्यापक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देते हुए बेरी ने कहा, “नीति आयोग में हम MICE पर्यटन को केवल एक प्रचार का माध्यम नहीं, बल्कि विकास की अनिवार्यता के रूप में भी देखते हैं।” उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र-राज्य समन्वय, डि-रेगुलेशन और मंत्रालयों के बीच अलगाव को खत्म करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को एक व्यापक पर्यटन अनुभव की ओर बढ़ना चाहिए, जिसमें आयोजनों, कल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को एकीकृत किया जाए ताकि इसकी क्षमता को पूरी तरह से उपयोग में लिया जा सके। इस समारोह में उप मुख्यमंत्री, दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान केवल एक हेरिटेज डेस्टिनेशन ही नहीं है, बल्कि एमआईसीई पर्यटन के लिए एक जीवंत व भविष्य के लिए तैयार हब है। अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर्स, सहज कनेक्टिविटी व डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और विश्व स्तरीय आतिथ्य के साथ हम डायनेमिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं, जो परिवर्तन के साथ परंपरा का संयोजन करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सांस्कृतिक समृद्धि से लेकर ग्रामीण पर्यटन सर्किट और नए डेस्टिनेशन के विकास तक राजस्थान के प्रत्येक भाग को उच्च-प्रभाव वाले आयोजनों की मेजबानी करने के लिए तैयार किया जा रहा है। हम मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी की शक्ति में विश्वास रखते हैं, जहां स्थानीय कारीगरों से लेकर लक्जरी होटल व्यवसायियों तक, जमीनी स्तर की लॉजिस्टिक टीमों से लेकर वैश्विक योजनाकारों तक हर कोई अपनी भूमिका निभाता है। एमआईसीई के प्रति राजस्थान की प्रतिबद्धता को सिर्फ अल्पकालिक प्रयास के रूप में नहीं, बल्कि विकास, नवाचार और ग्लोबल विजिबिलिटी को गति देने में रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में राजस्थान के संदर्भ में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान न सिर्फ कॉन्फ्रेंसों की मेजबानी के लिए तैयार है, बल्कि कभी ना भूलने वाला समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि आज राजस्थान केवल अपने भव्य किलों और महलों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी सदियों पुरानी शिल्पकला, भावपूर्ण लोकसंगीत, कालातीत वास्तुकला और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं के साथ रुरल टूरिज्म और यहाँ की हॉस्पिटैलिटी के लिए भी जाना जाता है। राजस्थान कॉन्फ्रेंस और इवेंट्स के लिए भी नंबर वन होने वाला है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद देते हुए कहा कि- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि का परिणाम है। पहले मेड इन इंडिया हुआ, अब मीट इन इंडिया हो रहा है। राजस्थान एक कॉन्फ्रेंस डेस्टिनेशन के रूप में खड़ा हो रहा है।बहुत जल्द राजस्थान मंडपम शुरू होने जा रहा है। कॉन्सर्ट टूरिज्म फैसेलिटीज भी राजस्थान में ज्यादा जगह क्रिएट करेंगे, इसके लिए और अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर राजस्थान में बनने जा रहा है। राजस्थान वैश्विक मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह प्रदेश अब कॉन्सर्ट पर्यटन के क्षेत्र में भी तेज़ी से उभर रहा है, जो निवेश एवं साझेदारियों के नए द्वार खोल रहा है।
आज का राजस्थान एक ओर जहाँ अपनी परंपराओं को सहेजे हुए है, वहीं दूसरी ओर आधुनिक बुनियादी ढांचे और पर्यटन-अनुकूल नीतियों के माध्यम से ग्लोबल टूरिज़्म हब बनने की ओर अग्रसर है। यह राज्य अब केवल घूमने-फिरने की जगह नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, बिजनेस मीटिंग्स, सांस्कृतिक मेलों और वैश्विक आयोजनों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य बनता जा रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने केंद्र से मिल रहे फंड के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि इसी को डबल इंजन की सरकार कहते हैं।
ओडिशा की सरकार की उप मुख्यमंत्री, प्रावती पारिदा ने कहा, चाहे कॉन्फ्रेंस हों या एग्जीबिशन, भारत दुनिया का स्वागत करने के लिए तैयार है, और ओडिशा इसके अग्रणी राज्यों में गर्व से शामिल हैं। पुरी की आध्यात्मिक शांति से लेकर कोनर के वास्तुकारिक चमत्कार तक, हमारा राज्य न केवल मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान कर रहा है, बल्कि सभी अनुभवों के लिए सांस्कृतिक टेपेस्ट्री प्रदान करता है।