
राज्य में अब ऑनलाइन होगी पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण
ऑनलाइन पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण के लिए एलिस सॉफ्टवेयर पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ
राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात एवं दादर नागर हवेली व दमन दीव से पशुपालन विभाग के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
जयपुर। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य की सकल विकास दर में पशुपालन व्यवसाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जीव एवं जीवन रक्षा की संकल्पना को साकार करने की दिशा में राज्य आज पशुपालन के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बन चुका है। राज्य की बेहतर योजनाएं आज सम्पूर्ण देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि राज्य के पशुपालक राज्य की संस्कृति को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। पशुपालक गौवंश का संरक्षण एवं विशेष अवसरों पर खाद्य उत्पादों की उपलब्धता में उल्लखनीय कार्य कर रहे हैं।
डॉ. भवानी सिंह राठौड़ एचसीएम रीपा में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग के तत्वाधान में आयोजित ऑनलाइन पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण के लिए उपयोग में लिए जाने वाला एलिस (ELISS) Electronic livestock integrated sample survey सॉफ्टवेयर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधियों से पशुपालन को बेहतर बनाने के तरीकों के सुझावों को साझा करने की अपील की।
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सलाहकार सुमेध नगरारे ने कहा कि पशुपालन एवं पशु कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर प्रबंधन एवं संचालन में पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण को मुख्य आधार माना जाता है, ऐसे में सटीक एवं अधिकृत आंकड़ों की सहायता से बेहतर पशुपालन योजनाओं का संचालन किया जा सकता है।
कार्याशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. प्राची मिश्रा साहू ने सॉफ्टवेयर की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि इस सॉफ्टवेयर की सहायता से अब पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण भी ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। जिससे सटीक एवं बेहतर आंकड़ों की प्राप्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पशुधन उत्पाद सर्वेक्षण एवं सटीक आंकड़ें देने में देश सम्पूर्ण विश्व में अग्रणी होगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के माध्यम से पशुपालन में आने वाली चुनौतियों को आसान बनाने का कार्य लगातार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर में किये गए प्रावधानों के जरिये न केवल फर्जी आंकड़ों से बचा जा सकेगा बल्कि पशुपालकों को भी योजनाओं का लाभ लेना सुलभ होगा। उन्होंने बताया की भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसन्धान संसथान एवं केंद्रीय पशुपालन व डेयरी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एलिस सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है जिसका उद्देश्य पशुपालन के लिए ऑनलाइन आंकड़े एकत्रित करना है जिससे पशुधन, दूध, मांस, अंडे एवं ऊन के उत्पादन का सटीक आकलन किया जा सके।
कार्याशाला के प्रारंभ में डॉ. राठौड़ ने पधारो म्हारे देस कह कर महाराष्ट्र, गुजरात एवं दादर नागर हवेली राज्यों के पशुपालन विभाग के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र के अंत में पशुपालन सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ जितेन्द्र कालरा ने उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक डॉ. नवीन मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।