
12 अप्रैल। ओमान के मस्कट में रहने वाले राजस्थान के बेहद जीवंत राजस्थानी समुदाय ने एक बार फिर घर से दूर विदेशी धरती पर राजस्थान की परंपरा को जीवित रखा है। ग्रुप की खूबसूरत महिलाओं ने मारवाड़ी अंदाज में गणगौर का रंग-बिरंगा त्योहार मनाया है. उत्सव और पूजा में 100 महिलाओं और लड़कियों ने भाग लिया। इस त्यौहार की शुरुआत ईसर-गणगौर की पूजा से हुई और यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है इसकी कहानी। गोर ये गणगौर माता खोल किवाडिय़ा और गोर गोर गोमती जैसे पारंपरिक गीत गाए गए। इसके बाद घूमर, मैं तो जौ जयपुर देखने जाओ गणगौर, मिश्री से मीठी बातें जैसे पारंपरिक राजस्थानी नृत्यों पर नृत्य पेश किया गया। गणगौर माता की सवारी पारंपरिक तरीके से निकली गई।

सौ से अधिक महिलाओं ने लिया भाग

ईसर गणगौर की मूर्ति जयपुर की डॉ. ज्योति बुरड़ द्वारा हाथ से बनाई गई थी जो माँ गौरी की बहुत बड़ी भक्त हैं। उसने सभी को प्रसाद वितरित किया। नवीनता अग्रवाल ने बताया कि गणगौर त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि वे अपने पतियों के स्वस्थ जीवन और स्वस्थ वैवाहिक संबंधों के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, सीकर, उदयपुर से 100 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। इस उत्सव को जीवंत बनाने के लिए कोटा आदि शामिल हुए।

मस्कट-ओमान गणगौर : इनकी रही उपस्थिति
ओमान के राम समूह और मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन ने भी इस तरह के आयोजन की व्यवस्था में समर्पित प्रयासों के लिए डॉ. ज्योति बुरड़ को शुभकामनाएं दीं। महोत्सव में डॉ. ज्योति बुरड़, नवीनता, अनीता, सोनिया, मेघा, सुगंधा, खुशबू, वाणी, अलका, पूजा, वर्षा, गरिमा, स्वाति, मधु, सविता, मनीषा, नेहा, स्वाति, गरिमा, सोनल, खुशबू आदि के परिवार शामिल हुए। इस महोत्सव में यूक्रेन की मरीना मचानको ने भी भाग लिया, जिनका भारतीय संस्कृति के प्रति काफी आकर्षण है।

ओमान के राम समूह, मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन और विधायक कालीचरण सराफ ने दी बधाई
ओमान के राम समूह और मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन ने भी इस तरह के आयोजन की व्यवस्था में समर्पित प्रयासों के लिए डॉ. ज्योति बुरड़ को शुभकामनाएं दीं। वहीं जयपुर के मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने भी गणगौर की शुभकामनाएं देते हुए बधाई संदेश भेजा।
यह भी पढ़ें : करौली में मोदी ने गिनाए कांग्रेस के महापाप