कवि सम्मेलन में राजस्थानी गीत, गज़ल और व्यंग्य रचनाओं ने हजारों श्रोताओं का मन मोहा

जै जै राजस्थान समूह के तत्वावधान में राजस्थानी कवि सम्मेलन आयोजित

जयपुर। जै जै राजस्थान ” समूह के तत्वावधान में राजस्थानी कवि सम्मेलन की 14 वीं कड़ी में प्रदेश के जाने माने कवियों ने भाग लिया। इस कड़ी में प्रसिद्ध साहित्यकार और समाजसेवी कवि पवन पहाड़िया, नागौर, सुनिता बिश्नोलिया ,जयपुर, देशरत्न शर्मा, लाडनू, नागौर तथा चालक दान सिंढायच, रातड़िया, बीकानेर ने अपनी मनमोहक रचनाएँ सुनाई।

कवि सम्मेलन में राजस्थानी गीत, गज़ल और व्यंग्य रचनाओं ने हजारों श्रोताओं का मन मोहा। चालकदान ने “कमर नै कसियां ही केहर आजादी घर आवेली ” जैसी केसरी सिंह बारहठ पर लिखी कविता सुनाकर सराहना बटोरी, सुनिता बिश्नोलिया ने राजस्थानी संस्कृति से जुड़े दोहे और कविताएँ सुनाई, देवरत्न शर्मा ने अपनी चर्चित और वायरल सामयिक रचना ” चाल चिड़कली तन्ने सरपंचां का बोट दिखा ल्याऊं अे ” तथा “बेली म्हारा केसे कहूँ कही नहीं जात ” जैसी रचनाएँ सुनाकर भाव विभोर कर दिया,पवन पहाड़िया वृद्धावस्था में माँ बाप के हो रहे तिरस्कार पर मार्मिक रचना ” “घरां घरां में लाग रैयो माँ बापां रो बोझ भायलां ” सहित कई रचनाओं से सुनाकर आंखें नम कर दी। संचालन कवि छैलू चारण छैल ने किया।

वहीं शनिवार को ‘ लोकरंग’ कार्यक्रम में राजस्थान की नयी लोकगीतों की आवाज मैना राव का साक्षात्कार छैलू चारण छैल ने किया। ध्यातव्य है की मैना राव, विकास राव और अरुण राव की जोड़ी हाल ही में सोशल मीडिया पर पारंपरिक लोकगीतों की उम्दा प्रस्तुतियों से सबको चकित कर रखा है। जै जै राजस्थान ने खोजबीन की तो पता चला कि मैना में यह गायकी विरासत में मिली है।

मैना राव, प्रख्यात लोक कलाकार चंपा और मेथी की जोड़ी से संबंध रखती है। मैना ने बताया कि मेथी देवी उनकी सगी बुआ थी। मैना से जब पूछा गया कि आज के कानफोड़ू डीजे और रीमिक्स संगीत के समय में आसानी से धनार्जन किया जा सकता है फिर आप इतने सुरीले कंठों के बावजूद पुराने लोकगीत और सीमित वाद्ययंत्रों के साथ क्यों गाना चाहती हैं? मैना ने जवाब दिया कि वह अपने फूंफा चंपा और बुआ मेथी के गाए गीतों को फिर आगे लाकर राजस्थानी संस्कृति और भाषा को ही जीना चाहती हूँ। मैना 12 वीं पास करने के पश्चात संगीत विशारद की डिग्री कर रही है। मैना स्व. भंवरलाल जी राव की नौ संतानों में से एक है।

भंवरलाल जी भी आकाशवाणी जोधुपर से काफी बार प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं | मैना के बड़े भाई राजू भाई राव भी अच्छे भजन गायक हैं।

मैना ने जै जै राजस्थान की लोकसंगीत और भाषा के विकास की इस मुहीम को सराहा और कहा इस मंच से प्रतिभावों को सामने आने का अवसर मिल रहा है। इससे पूर्व की कड़ी में अन्तरराष्ट्रीय कालबेलिया नृत्यांगना आशा सपेरा से वार्ता की गयी थी।

जै जै राजस्थान का ध्येय है राजस्थानी भाषा संस्कृति और इतिहास का संवर्धन और राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता हेतु जनता और सरकार को जागरूक करना।