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प्राइवेट सेक्टर में अच्छा पैकेज छोड़कर भारतीय वायुसेना ज्वाइन की
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कठिन मेहनत करते हुए तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की
जयपुर। जयपुर के हरि मार्ग, सिविल लाइन्स की निवासी हिरणाक्षी राठौड़ का भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयनित होकर अपने परिवार और जयपुर का नाम रोशन किया है। हिरणाक्षी ने 6 जुलाई को हैदराबाद स्थित प्रशिक्षण केंद्र में डेढ़ वर्षीय प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में ज्वाइन कर लिया है। हिरणाक्षी बचपन से ही सेना में अधिकारी बनने की तीव्र इच्छा रखती थी इसको पूरा करने के लिए उन्होंने शुरू से ही कठोर मेहनत की। बनस्थली विद्यापीठ से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन में बीटेक डिग्री प्राप्त करने के बाद 2 वर्ष तक एचएसबीसी बैंक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की प्राइवेट सेक्टर की नौकरी के दौरान लगातार भारतीय वायु सेना के लिए प्रयासरत रही और यूपीएससी द्वारा आयोजित एफकेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् साक्षात्कार, चिकित्सा परीक्षण में सफल होकर फ्लाइंग ऑफिसर पर चयन होने का गौरव प्राप्त किया।
भारतीय वायु सेना के फ्लाइंग ऑफिसर के लिए लगातार तीसरे प्रयास में चयन होते ही प्राइवेट सेक्टर की 2 साल की नौकरी तुरन्त छोड़कर प्रशिक्षण ज्वॉइन करके युवाओं खासकर बेटियों के लिए मिसाल कायम की है। हिरणाक्षी मूलतः कुचामन-डीडवाना जिले के ग्राम हरनावॉं पट्टी की निवासी है। इनके पड़दादा स्व. भवानी सिंह जी ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1918 में जोधपुर लांसर के तौर पर तुर्क सेना के विरूद्ध युद्ध करके इजराइल के हाइफा को आजाद
करवाया था।
बचपन से ही उनके किस्सों से प्रेरणा लेकर चौथी पीढ़ी की बेटी हिरणाक्षी ने कठिन परिश्रम कर करीब 107 वर्ष बाद भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयनित होकर इतिहास रचते हुए समस्त हरनावां ग्राम एवं जयपुर का मान बढ़ाया है। हिरणाक्षी के पिता भंवर सिंह राठौड़ ए क्लॉस गवर्नमेंट कांट्रेक्टर हैं और माताजी श्रीमती प्रमिला शक्तावत ग्रहिणी है। इनके भाई आदित्य सिंह टाटा केपिटल में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। राजस्थान से अभी तक कुछ ही बेटिया भारतीय सेना में अधिकारी के पद पर चयनित हुई है जिनमें से हिरणाक्षी ने भी लगातार प्रयास करके सफलता प्राप्त करते हुए ज्वाइन कर लिया है।
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