राजस्थान के सामाजिक सुरक्षा मॉडल की सर्वत्र सराहना हो रही : टीकाराम जूली

tikaram juli

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित

प्रदेश में न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए प्रतिमाह की गई

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 96 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन कर रही, सभी वर्गों के वंचित तबके को मिल रहा योजनाओं का लाभ

जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग एवं प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। राजस्थान के सामाजिक सुरक्षा मॉडल की सर्वत्र सराहना हो रही है और यह दूसरे राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है। जूली विधानसभा में मांग संख्या -31 (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की  79  अरब  16  करोड़  13  लाख  4  हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

जूली ने कहा कि प्रदेश में न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए प्रतिमाह की गई है। साथ ही, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में प्रति वर्ष स्वत: ही 15 प्रतिशत की बढोतरी होगी। उन्होंने कहा कि गत 4 वर्ष में 35.50 लाख नए पेंशनर्स को विभिन्न पेंशन योजनाओं में जोड़ा गया है। लाभार्थियों को पेंशन प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर नही लगाने पड़ें, इसके लिए योजनाओं को जन-आधार से लिंक किया गया है।

उन्होंने बताया कि अब महज 2 मिनट में पात्र आवेदकों की पेंशन स्वीकृत हो रही है। जीवित प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए फेशियल रिकग्निशन एप की शुरुआत की गई है। इस सुविधा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और 16 दिन में ही 18 हजार लोगों ने अपना सत्यापन इस एप के माध्यम से करवाया है। श्री जूली ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 96 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि पालनहार योजना के तहत देय सहायता राशि अब 500 रुपए से बढाकर 750 रुपए एवं 1000 रुपए से बढाकर 1500 रुपए कर दी गई है। योजना के अन्तर्गत 3.25 लाख नए बच्चों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई। वहीं, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में लाभान्वित किए जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 15 हजार से बढाकर 30 हजार कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विगत 4 साल में 59 छात्रावासों का निर्माण करवाया, जबकि आगामी वर्ष 30 छात्रावास बनाए जाएंगे।

जूली ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, वृद्ध कल्याण योजना, नवजीवन योजना, शक्ति सदन योजना एवं डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अन्तर्जातीय विवाह योजना आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोई ऐसा वर्ग नहीं छोड़ा जिसमें वंचित तबके को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा हो।

उन्होंने कहा कि डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अन्तर्जातीय विवाह योजना के अन्तर्गत राज्य में अन्तर्जातीय विवाह करने पर सहायता राशि 5 लाख से बढाकर 10 लाख रुपए कर दी गई है। सिलिकोसिस पीड़ितों को विभिन्न योजनाओं के अऩ्तर्गत लाभान्वित कर राहत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मिनिमम गारंटीड इनकम योजना ऐतिहासिक कदम है जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी परिवारों को 125 दिवस प्रतिवर्ष रोजगार की गारंटी एवं वृद्ध/ दिव्यांग/ एकल महिला होने की स्थिति में न्यूनतम एक हजार रुपए महीने की पेंशन प्राप्त हो सकेगी।

जूली ने बताया कि मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष 5 हजार स्कूटियों का वितरण किया जाएगा। देश का दूसरा एवं प्रदेश का पहला बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय जयपुर में निर्माणाधीन है। वहीं, दिव्यांगजनों को प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण भी दिया गया है।