
वैज्ञानिकों ने दर्पण के जरिए किया रामलला का सूर्य तिलक
अयोध्या। रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक कर भगवान का अभिषेक करेंगीं। वैज्ञानिक ने इसका पूर्वाभ्यास किया और यह ट्रायल सफल रहा। वैज्ञानिकों ने दर्पण के जरिए सूर्य की किरणों को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया।
ट्रायल सफल
यह ट्रायल सफल होने के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि भगवान रामलला का सूर्य तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण को शुक्रवार को भगवान रामलला के मस्तक तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।
बहुत सराहनीय और बहुत अद्भुत
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
17 अप्रैल को अद्भुत नजारा
उन्होंने बताया कि भगवान राम का जन्म रामनवमी को अभिजीत मुहूर्त में दिन के 12 बजे हुआ था। इस कारण इस वर्ष 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर दिन के 12 बजे रामलला का सूर्य की किरणों से अभिषेक किया जाएगा।
एक महीने तक सूर्यदेव अयोध्या में रुके थे
उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम की आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।
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