
मुंबई। उद्योग जगत के महानायक रतन नवल टाटा का अंतिम सफर आज शुरू हो गया है, और इस दौरान मुंबई की धड़कनें मानो थम गई हैं। हर तरफ शोक और श्रद्धा का माहौल है, जैसे पूरे शहर ने उनके सम्मान में सिर झुका लिया हो। रतन टाटा को विदाई देने के लिए लोग जुट रहे हैं, और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं।
उनका पार्थिव शरीर, तिरंगे में लिपटा, नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स से वर्ली स्थित श्मशान भूमि की ओर रवाना हो गया है। पारसी समुदाय की पारंपरिक दखमा के बजाय, उनका दाह संस्कार किया जाएगा, जो इस समय एक खास प्रक्रिया बन गई है।
प्रारंभ में, पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा, जहां पारसी रीति से ‘गेह-सारनू’ का पाठ किया जाएगा। रतन टाटा के पार्थिव शरीर के मुंह पर एक कपड़े का टुकड़ा रखा जाएगा, और इसके बाद ‘अहनावेति’ का पहला अध्याय पढ़ा जाएगा। यह शांति प्रार्थना की एक विशेष प्रक्रिया है, जो उनके प्रति अंतिम सम्मान अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों, राजनेताओं, अभिनेताओं और अन्य हस्तियों का सैलाब उनके निवास पर उमड़ पड़ा। हर एक ने अपने तरीके से उन्हें याद किया, और उनके योगदान को सराहा। यह एक ऐसा क्षण है जब मुंबई ने अपने प्रिय उद्योगपति को अंतिम विदाई दी है, जो हमेशा के लिए उनकी यादों में जीवित रहेंगे।