भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़ी रोचक बातें जानने के लिए पढ़ें ये खबर

भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता
भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता

पुरी के जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य है, जिसके बारे में आज तक कोई जान नहीं पाया है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है हर साल निकाली जाने वाली रथयात्रा। इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का रथ होता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में लाखों भक्त शामिल होते हैं। यह मंदिर गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के लिये खास महत्व रखता है। इस पंथ के संस्थापक श्री चैतन्य महाप्रभु कई सालों तक पुरी में रहे भी थे। पुरी एक ऐसा स्थान है जिसे हजारों वर्षों से कई नामों – नीलगिरी, नीलाद्रि, नीलाचल, पुरुषोत्तम, शंखश्रेष्ठ, श्रीश्रेष्ठ, जगन्नाथ धाम, जगन्नाथ पुरी से जाना जाता है। आगे जानिए मंदिर से जुड़ी खास बातें।

भगवान जगन्नाथ का रथ

भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता
भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता

भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष के नाम से जाना जाता है। इस रथ पर लहरा रहे ध्वज का नाम त्रिलोक्यमोहिनी है। प्राचीन काल में इस रथ को गरुड़ध्वज के नाम से भी जाना जाता था। बता दें की नंदीघोष के 16 पहिए होते हैं और इस रथ की ऊंचाई 42.65 फीट होती है। इस रथ के सारथी दारुक हैं। रथ का रंग लाल या पीला होता है और इसलिए दूर से ही भक्त समझ जाते हैं कि भगवान जगन्नाथ का रथ नजदीक आ रहा है।

भगवान बलभद्र का रथ

भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता
भगवान जगन्नाथ के रथ की विशेषता

भगवान बलभद्र या बलराम के रथ का नाम तालध्वज है। इस रथ में कुल 14 पहिए होते हैं और उनके रथ का रंग लाल या हरा होता। बता दें कि इस रथ की ऊंचाई 43.30 फीट होती है और यह भगवान जगन्नाथ के रथ से थोड़ा ऊंचा होता है। इसलिए लोग समझ जाते हैं कि भगवान बलभद्र नजदीक आ रहे है।

बहन सुभद्रा का रथ

भगवान बलभद्र और जगन्नाथ भगवान की छोटी बहन सुभद्रा का रथ का नाम दर्पदलन है। इस रथ की ऊंचाई 42.23 फीट है और अन्य रथों की तुलना में सबसे छोटा रथ है। दर्पदलन का रंग काला या नीला होता है और देवी सुभद्रा के रथ के सारथी अर्जुन हैं।

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