
राज्यपाल को खुला पत्र लिखा, कहा-कोविड काल में उनके काम भुलाना बेहद मुश्किल
जयपुर। पूर्ववर्ती राजस्थान की कांगे्रस सरकार द्वारा सेवानिवृत आरएएस अधिकारी धीरज कुमार श्रीवास्तव को 8 अगस्त, 2019 को राजस्थान फाउंडेशन में आयुक्त पद पर नियुक्त किए जाने के आदेश को शनिवार को नई सरकार ने रद्द कर दिया है। इससे धीरज कुमार के चाहने वालों विशेषकर प्रवासी भारतीयों में खासी नाराजगी है। उन्होंने राज्यपाल को खुला पत्र लिखकर नई राज्य सरकार के निर्णय पर भारी आप आपत्ती जताई है। पत्र में धीरज द्वारा कोविड काल में किए गए कार्यों को अभूतपर्व बताते हुए सरकार के निर्णय को घोर निराशावादी बताया है।

दुबई से श्रीकांत साबू ने राज्यपाल को यह खुला पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिए कहा कि प्रवासी भारतीयों और राजस्थान के बीच मजबूत संबंध को बढ़ावा देने के लिए धीरज श्रीवास्तव की समर्पित सेवा और प्रतिबद्धता अमूल्य रही है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान, निवेश और सहयोग को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों ने राजस्थान और दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कठिन कोविड-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान धीरज का अमूल्य मार्गदर्शन और प्रत्येक आरएफ सदस्यों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव इतना अद्भुत है कि शब्दों में उसे व्यक्त करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, श्रीवास्तव के लिए सरकार के इस निर्णय ने प्रवासी भारतीयों को हैरान कर दिया है। उनके द्वारा की गई सकारात्मक पहल की निरंतरता को लेकर हम चिंतित हैं। प्रशासनिक परिवर्तन और आधिकारिक स्थानांतरण सरकारी कार्य का एक भाग हो सकता है, लेकिन इस निर्णय के पीछे के कारणों पर पारदर्शी संचार और स्पष्टता की कमी ने हमें निराश कर दिया है।
धीरजजी आपका विश्व व्यापी प्रवासी राजस्थानियों को एक मंच पर एकत्रित कर स्नेहिल सामंजस्य से बांधे रखना बहुमूल्य धरोहर है। आपने हर प्रवासी की समस्याओं को ना केवल सुना बल्कि गंभीरता पूर्वक उसका समाधान भी किया। आपका मधुर, सरल वात्सल्यपूर्ण व्यवहार, विदुषता, सौम्यता व सहयोग हमेशा दिल पर चिन्हित रहेगा । दुबई से सीए पंकज जैन व वंदना जैन
हमेशा एक फोन कॉल की ही दूर रही, लेकिन दिल के नजदीक रहे। आप वे व्यक्तित्व हैं, जो हम सभी को एक साथ लाए। आपने राजस्थान की स्थापना की पहचान बनाई। जरूरत के समय हमारे साथ खड़े रहे। आपने राजस्थान फाउंडेशन को दुनिया के अन्य हिस्सों में बढ़ावा दिलाने पर खासा जोर दिया। युगांडा से राजेश चपलोत
जब जीवन एक गूगली फेंकता है तो यह अन्य दरवाजे भी खोलता है। आपने हम सभी को एक साथ लाने के लिए अमूल्य योगदान दिया। आपके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं, आपका तहेदिल से स्वागत है। कनाडा में एमिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष राकेश गोयनका
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मन को झकझोर देने वाली खबर है। धीरजजी ने हमारे दिल में जगह बनाई है, जिसे कभी हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने एनआरआर के लिए जो किया वह अब तक किसी ने नहीं किया। आपके प्रयास सभी एनआरआर को एक मंच पर लाए और इस नींव को मजबूत बनाया। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ केन्या के डॉ. सोनवीर सिंह
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