अंतरविभागीय मुद्दों का आपसी समन्वय सेे समाधान करे : यादव

जयपुर। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने पेयजल परियोनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अंतरविभागीय मुद्दों का तत्परता से निदान करने के लिए अधिकारियों को सतत समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए है।
यादव ने बुधवार को शासन सचिवालय में रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग एवं वन विभाग सहित अन्य एजेंसीज के साथ समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पेयजल प्रोजेक्ट्स की गति को प्रभावित करने वाले इश्यूज को आपसी सहयोग से दूर करे ताकि उनको समयबद्ध रूप से पूरा कर जनता को समय पर पानी की आपूर्ति से लाभांवित किया जा सके। बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों को पेयजल प्रोजेक्ट्स में भूमि आवंटन, पाइपलाइन बिछाने, टंकी एवं पम्प हाऊस बनाने जैसे मामलों में लम्बित अनुमति जल्द से जल्द जारी कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना के तहत स्वर्ण विहार योजना में हैड वर्क्स के निर्माण के लिए भूमि आवंटित कर दी गई है। प्रमुख शासन सचिव ने पृथ्वीराज नगर, आमेर और जामडोली परियोजनाओं के बकाया प्रकरणों में जेडीए के साथ समन्वय के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जयपुर को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे इन परियोजनाओं के लम्बित मामलों को निपटाने के लिए जेडीए के अधिकारियों के साथ बिन्दुवार चर्चा कर उनका समाधान कराए।

जयपुर नगर निगम के अधिकारियों की ओर से बैठक में यह सुझाव दिया गया कि लीकेज रिपेयरिंग के बाद सड़क की मरम्मत का जिम्मा जलदाय विभाग को ही दे दिया जाए तो इससे जनता को सुविधा मिलेगी। प्रमुख शासन सचिव ने नगर निगम के तहत भूमि आवंटन एवं पाईपलाइन के लिए अनुमति के बकाया चल रहे प्रकरणों में शीघ्रता से अनुमति जारी कराने को कहा।
बैठक में अजमेर में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के क्षेत्र में आ रही मुख्य लाईनों को तुरंत शिफ्ट करने के लिए रेलवे के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए। इसके अलावा रेलवे के क्रांसिंग क्षेत्रों में पेयजल कार्यों के बारे में जलदाय विभाग के लम्बित प्रतिवेदनों के बारे में रेलवे के प्रतिनिधि ने बताया कि इस सम्बंध में जल्द कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में पेयजल प्रोजेक्ट्स के कार्यों में वन विभाग के साथ लम्बित प्रकरणों के समाधान के लिए जल भवन से अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने का निर्णय लिया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने आवश्यक अनुमति के लिए प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस बारे में प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि आवेदन की प्रक्रिया के बारे में वन विभाग के स्तर से जारी निर्देर्शों की प्रति जलदाय विभाग के सभी जोन में अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को उपलब्ध कराई जाए ताकि वे कमियों के रहते स्वीकृति में होने वाले विलम्ब को दूर कर सके। उन्होंने जोधपुर सम्भाग की परियोजनाओं में वन विभाग से जु?े मुद्दों के बारे में बिंदुवार चर्चा करते हुए इनका समाधान करने के भी निर्देश दिए।

प्रमुख शासन सचिव ने बारां एवं बाड़मेर परियोजनाओं में रोड कट के लम्बित प्रकरण के बारे में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि कार्य में अनावश्यक देरी नहीं हो इसके लिए पीएचईडी को अनुमति दे दी जाए, उसके द्वारा निर्धारित प्रावधानों के हिसाब से कार्य करा दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ जयपुर, भरतपुर, बाड़मेर एवं बांसवाड़ा में रोड कट की अनुमति के प्रकरण पर चर्चा की गई, इसमें एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि जामडोली परियोजना के लिए अनुमति जारी कर दी गई है। अन्य प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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नगरीय विकास विभाग की ओर से बताया गया कि टोंक जिले में निवाई परियोजना के तहत टंकी बनाने के कार्य के लिए भूमि को चिह्नीत कर लिया गया है, इसके आवंटन की कार्यवाही शीघ्र पूरी हो जाएगी, जलदाय विभाग द्वारा इसके कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है।

बैठक में वन विभाग के शासन सचिव श्री डीएन पांडे, डीएलबी के निदेशक श्री दीपक नंदी, जलदाय विभाग की विशिष्ट सचिव श्रीमती उर्मिला राजौरिया, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता श्री चिन्हरि मीना के अलावा जेडीए, नगर निगम, रेलवे और एनएचएआई सहित सम्बंधित एजेंसीज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।