रिटायर्ड जज को आतंकियों से जान का खतरा, डीजीपी को लिखी चिट्ठी

रिटायर जज अजय कुमार शर्मा ने पुलिस महानिदेशक राजस्थान भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को आतंकी ग्रुप से खतरा है और वह कभी भी बदला ले सकते हैं

जयपुर। राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 में हुए बम ब्लास्ट मामले में दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाने वाले रिटायर जज ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का हवाला देते हुए दी गई सुरक्षा को जारी रखने की मांग की है। रिटायर जज अजय कुमार शर्मा ने पुलिस महानिदेशक राजस्थान भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को आतंकी ग्रुप से खतरा है और वह कभी भी बदला ले सकते हैं।

इसके अलावा उनके घर में शराब की खाली बोतलें फेंकी गई हैं। कई दिनों से कुछ बाइक सवार संदिग्ध लोग घर के बाहर चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं, उन्होंने घर के बाहर की फोटो भी खींची है। ये लोग उनके साथ कुछ भी कर सकते हैं। जज ने अपने पत्र में लिखा है कि क्या यह उनका कसूर है कि उन्होंने चार खूंखार आतंकवादियों को फांसी की सज़ा दी। जस्टिस शर्मा ने नीलकंठ गंजू का उदाहरण भी दिया गया है। न्यायाधीश नीलकंठ गंजू ने 1984 में आतंकी मकबूल भट्ट को मौत की सज़ा सुनाई थी। उन्हें 2 अक्टूबर 1989 को आतंकवादियों ने सरेआम मार दिया था।

गौरतलब है कि 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में करीब 71 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बलास्ट के 11 साल बाद विशेष अदालत ने 4 आरोपियों को 18 दिसम्बर 2019 फांसी की सजा सुनाई थी।

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