
650 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की भूमि बिक चुकी, प्रत्यक्ष आवंटन योजना के दूसरे चरण के आवेदन 15 मई से प्रारंभ
जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के बाद राजस्थान में निवेश का जो सपना देखा गया था, अब वह जमीन पर उतरता नजर आ रहा है। राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने अपनी शानदार उपलब्धियों के क्रम में अप्रैल 2025 के ई-ऑक्शन कार्यक्रम में 300 करोड़ रुपए के 182 औद्योगिक भूखंडों का सफलतापूर्वक विक्रय किया है।
रीको चेयरमैन आईएएस अजिताभ शर्मा ने बताया कि सिर्फ दो माह के भीतर ही रीको ने 650 करोड़ रुपए के औद्योगिक भूखंड बेचकर निवेशकों के भरोसे और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
ई-ऑक्शन में निवेशकों का अद्भुत उत्साह : 7 अप्रैल 2025 से शुरू हुए ई-ऑक्शन में 197 भूखंडों के लिए 493 आवेदन प्राप्त हुए—यानी एक भूखंड के लिए औसतन दो से अधिक दावेदार। यह निवेशकों के विश्वास और रीको की पारदर्शी नीतियों का जीवंत प्रमाण है। अप्रैल माह के इस कार्यक्रम से रीको को करीब 300 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है, जो भविष्य में राजस्थान की औद्योगिक प्रगति की नई इबारत लिखेगा।
प्रत्यक्ष आवंटन नीति से मिली नई उड़ान : शर्मा ने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के बाद राज्य सरकार ने ‘प्रत्यक्ष भूमि आवंटन नीति-2025’ लागू की थी। इस नीति के तहत 98 चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में 98 भूखंडों के ऑफर लेटर पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके जरिए रीको ने 350 करोड़ रुपए के भूखंड निवेशकों को आवंटित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शेष भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया भी तेज़ी से जारी है।
छोटे शहरों में भी बिखरी औद्योगिक रोशनी : पाली, उदयपुर, नागौर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बारां, कोटा, भिवाड़ी, जयपुर, नीमराणा, किशनगढ़, आबूरोड और अलवर जैसे क्षेत्रों में भी भूखंडों का आवंटन हुआ है। यह विकास अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि छोटे और मध्यम शहरों तक भी औद्योगिक क्रांति का संचार हो रहा है।
वाणिज्यिक और संस्थानिक निवेश को भी मिलेगा संबल : रीको ने न केवल औद्योगिक बल्कि वाणिज्यिक और संस्थानिक भूखंडों के लिए भी निवेशकों को अवसर प्रदान किया है। हॉस्पिटल, होटल, शिक्षण संस्थान, रिटेल दुकानों जैसे विविध क्षेत्रों के लिए भी भूखंडों की योजना तैयार है।
करीब 500 अतिरिक्त भूखंडों का ई-ऑक्शन जल्द शुरू होने जा रहा है, जो छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगा।
निवेशकों के उत्साह ने गढ़ी नई कहानी : प्रत्यक्ष आवंटन योजना के प्रथम चरण में अपार सफलता के बाद अब द्वितीय चरण के लिए भी कमर कस ली गई है। 15 मई 2025 से राज्य सरकार के साथ 30 अप्रैल तक एमओयू करने वाले निवेशक आवेदन कर सकेंगे। लॉटरी के जरिए भूखंडों का आवंटन होगा और योजना की वैधता 30 जून 2025 तक रहेगी।
हर निवेशक के सपने को मिलेगा आकार : राज्य सरकार और रीको की प्रतिबद्धता है कि हर निवेशक का सपना साकार हो। रीको की आधिकारिक वेबसाइट (riico.rajasthan.gov.in) पर योजना की सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।निवेशक एसएसओ आईडी से लॉगिन कर नीतियों, शर्तों और प्रक्रिया से भलीभांति परिचित हो सकते हैं।
राइजिंग राजस्थान अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि साकार होती उम्मीदों का दूसरा नाम है। रीको की पारदर्शी नीतियों, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और निवेशकों के उत्साह ने मिलकर राजस्थान को उद्योगों की नई राजधानी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा दिया है। राजस्थान अब नए युग में प्रवेश कर चुका है—जहाँ सपने आकार लेते हैं, और विश्वास हकीकत बनता है।