पर्यूषण से संतों की सीख, कम व पौष्टिक भोजन से बनाएं सेहत

उदयपुर। जैन समाज के स्थानकवासी और तेरापंथी मत में चातुर्मास के तहत पर्यूषण महापर्व की शुरुआत शनिवार को हुई। पहला दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया।

भुवाणा स्थित महाप्रज्ञ विहार में धर्मसभा हुई। साध्वी सुदर्शना ने कहा कि पर्यूषण अध्यात्म साधना का महान पर्व है। इस पर्व का समय बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। चातुर्मास में सावन, भाद्रपद और फिर पर्यूषण का सबसे अधिक महत्व है।

भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा का भी पर्यूषण काल में प्रवचन से आख्यान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन में भोजन यानी आहार का संयम आवश्यक है। खाद्य-अखाद्य का बोध हर श्रावक को होना चाहिए। महावीर जैन परिषद के संयोजक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि रविवार को स्वाध्याय दिवस मनाया जाएगा।

इधर, जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक समिति सेक्टर- 4 स्थित शान्तिनाथ जिनालय में भी मुनि आगमरत्न विजय महाराज की निश्रा में तप, तपस्या और हर्षोल्लास के साथ पर्यूषण पर्व मनाया जा रहा है। मंदिर पर समिति की ओर से भव्य सजावट और रोशनी की गई है।

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