
राजस्थान एसोसिएशन यू.के. द्वारा राजस्थान फाउंडेशन, राजस्थान एसोसिएशन यूरोप, डॉक्टर ऑफ राजस्थान (डोरी) के तत्वाधान में ऑनलाइन वर्चुअल टॉक शो ‘गैलेक्सी ऑफ द स्टार’ के 75वें एपिसोड का आयोजन वेबिनार द्वारा किया गया। टॉक शो में राजस्थान के एजुकेशन एंड स्किल डेवलोपमेन्ट, हैल्थकेयर इनोवेशन, बॉटम अप डेवलपमेंट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार रखे गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित, भारत में सूचना क्रांति के जनक, ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन और उद्यमी सैम पित्रोदा ( सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा ) रहे। सोशल नेटवर्किंग साइट पर लाइव शो का संचालन डॉ रोमित पुरोहित ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ रोमित ने राजस्थान और हिंदुस्तान वासियों का स्वागत व स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।

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उन्होंने कहा कि राजस्थानी कम्यूनिटी ने पूरी दुनिया के लिए हमेशा मदद का हाथ बढ़ाया है। राजस्थान की धरती सांस्कृतिक,परंपरा और कुशलता और कला से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों की देश ओर दुनिया के हर क्षेत्र में उपस्थिति है। चाहे मेडिकल हो या चार्टेड एकाउंटेंड, सांस्कृति या कला हो हर क्षेत्र में वह अपना जलवा कायम रखे हुए हैं।
राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्रर धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि राजस्थान शिक्षा, चिकित्सा और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। राजस्थान फाउंडेशन राजस्थान सरकार और प्रवासी राजस्थानियों के बीच एक सेतु के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है
राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्रर धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने का सपना साकार करने के लिए टेलीकॉम और कम्यूनिकेशन सेक्टर की मजबूत नींव रखी थी। उन्होंने इस मौके राजस्थान में चल रही विकास गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कोविड काल में प्रवासी राजस्थानियां द्वारा किये गये सहयोग कार्यों के लिये धन्यवाद दिया।
सैम पित्रोदा ने इंडियन इंटरनेशनल सोसाइटी, दिल्ली की तर्ज पर जयपुर में राजस्थान इंटरनेशनल सोसाइटी बनाने का बेहतरीन सुझाव दिया।

सैम पित्रोदा ने कहा कि राजस्थान में बहुत संभावनाएं है जिसमें एनआरआई बड़ी भूमिका निभा सकते हैं उनके एक्सीपीरियंस से हमे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है साथ ही आईटी एक्सपर्ट बेहतर राजस्थान के लिए बड़ा प्रयास कर सकते हैं। कृषि में भी तकनीक को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करके हम राजस्थान के बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। हम राजस्थान की कठपुतली कला को ग्लोबल प्लेटफार्म दे सकते है। हमें शिक्षा में हिंदी, अंग्रेजी के साथ साथ तीसरी भाषा मातृ भाषा राजस्थानी को भी शामिल करना चाहिए।
वर्चुअल टॉक शो में शामिल हुए राजस्थान कैडर के आईएएस ललित के पंवार ने कहा कि मैं राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी का मैं वाइस चांसलर रहा हूं। राजस्थान ऐसा पहला राज्य हैं जहां स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित है, उन्होंने सेम पित्रादो से संवाद करते हुए कहा कि हम कैसे फॉर्मल एजूकेशन एक व्यवसायिक एजूकेशन में बदल सकते हैं। इसके अलावा ललित के पंवार ने राजस्थान में स्किल डवलेपमेंट बढ़ाने को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए।
गौरतलब है कि सैम पित्रोदा का जन्म 4 मई 1942 को ओडिशा के एक गुजराती परिवार में हुआ था। सैम के पिता बढ़ई का काम करते थे। चूंकि उनके पिता चाहते थे कि वे गुजराती सीखें, अत: उनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात में हुई। फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में उन्होंने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की। अमेरिका की इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भी शिक्षा प्राप्त की।
इस इवेंट में आईएएस मुग्धा सिन्हा, राम उपाध्याय, दिनेश कोठारी, अशोक छाजेड़, श्याम भाटिया, केशव कोठारी, अविनाश कल्ला, एच. एस. जोधा, दिलीप पुंगलिया, श्रीपाल शक्तावत, हरगोविंद राणा, अलोक शर्मा, हेमंत दीक्षित, वीरेंद्र वशिष्ठ, दीपक मेहता, अंशु हर्ष, देवेंद्र गोइन्का, गणेश सुथार,सुगत प्रियदर्शी व दुनियाभर की राजस्थानी एसोसिएशन शामिल हुई। यह कार्यक्रम वैश्विक राजस्थानी संगठन और राजस्थान फाउंडेशन (राजस्थान सरकार) द्वारा समर्थित था।