
इसका लक्ष्य है, पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के ज़रिये वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना
गुरुग्राम: भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राम पंचायत के स्तर पर जनसुरक्षा योजनाओं के पहुंच के विस्तार के लिए एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बैंक अधिकारियों ने दो महत्वपूर्ण योजनाओं: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के प्रसार संबंध में भाग लिया, जिसमें अग्रणी जिला प्रबंधकों (लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर-एलडीएम) को इन योजनाओं के पात्र नागरिकों को इन्हें अपनाने में मदद करने के लिए सशक्त बनाया गया। इस अभियान के अंग के रूप में, बैंक के अधिकारी, देश भर के हर जिले, हर ग्राम पंचायत और हर वार्ड में सफल शिविरों का आयोजन कर जागरूकता फैलाएंगे।
पीएमजेजेबीवाई योजना के तहत, जीवन बीमा सुरक्षा, जबकि पीएमएसबीवाई के तहत हर किसी को ₹2.00 लाख का दुर्घटना बीमा सुरक्षा मिलती है और यह क्रमशः ₹436 और ₹20 प्रति वर्ष के किफायती प्रीमियम पर हासिल किया जा सकता है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव (एफआई) श्री प्रशांत कुमार गोयल, एसबीआई के प्रबंध निदेशक (आरबी एंड ओ) आलोक कुमार चौधरी और एसबीआई कॉर्पोरेट सेंटर, मुंबई मुख्य महाप्रबंधक – वित्तीय समावेशन, डॉ. पी.सी. साबू मौजूद रहे।
इस कार्यशाला में सभी अग्रणी जिला प्रबंधकों (एलडीएम) ने भाग लिया, जिन पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, नई दिल्ली, उत्तराखंड, और दमन एवं दीव के एसबीआई, एसएलबीसी अधिकारियों और नोडल अधिकारियों (लीड बैंक) को सौंपे गए जिलों की ज़िम्मेदारी है।
यह पहल, वित्तीय समावेशन के प्रति एसबीआई की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव (एफआई) श्री प्रशांत कुमार गोयल ने जनसुरक्षा योजना के तहत पात्र नागरिकों की पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य पर ज़ोर देते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है, जनसुरक्षा योजना के तहत 100% पात्र नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना। एसबीआई में प्रबंध निदेशक (आरबी एंड ओ) आलोक कुमार चौधरी ने प्रतिभागियों को समाज के सभी वर्गों के बीच पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई जैसी सरकारी योजनाओं सहित बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया और उन क्षेत्रों के लोगों पर विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया, जहां बैंकिंग सेवाएं या तो उपलब्ध नहीं हैं या फिर कम हैं।