
जयपुर। स्कूल फीस मुद्दों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान मंगलवार को न्यायाधिपति प्रकाश गुप्ता और महेंद्र कुमार गोयल की खंडपीठ ने सुनवाई की, इस दौरान मंगलवार को केवल अभिभावकों का पक्ष सुना गया जिसमें अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता सुनील समदड़िया ने अभिभावकों का पक्ष रखा। पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 9 अक्टूबर निर्धारित की।
संयुक्त अभिभावक समिति ओर से केश लड़ रहे अधिवक्ता अमित छंगाणी ने बताया कि 7 सितंबर को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 70 फीसदी ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थे जिसको डिविजनल बैंच में चुनोती दी गई थी। 1 अक्टूबर को डिविजनल बैंच ने एकल पीठ के आदेश पर 9 अक्टूबर तक रोक लगाते हुए 5 अक्टूबर से सुनवाई निर्धारित की। सोमवार को तकनीकी खामियों की वजह से कोर्ट नही चल पाई और मंगलवार को सुनवाई में मुख्य याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता सुनील समदड़िया ने अभिभावकों का पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष रखा।
रजिस्ट्रेशन फॉर्म की आड़ में फीस वसूल रहे है निजी स्कूल संचालक
संयुक्त अभिभावक समिति के प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू और अरविंद अग्रवाल ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में निजी स्कूलों पर फिर से आरोप लगाते हुए कहा है कि ” स्कूल संचालक इंसानियत को लगातार शर्मशार करते हुए अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रहे है। ” माननीय हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर को एकपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार के पूर्व आदेश को प्रभावी किया था। सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को स्पष्ट आदेश दिए थे कि जब तक स्कूल नही खुल जाते तब तक कोई भी स्कूल संचालक किसी भी प्रकार की फीस अभिभावकों से नही वसूल सकते है। उसके बावजूद निजी स्कूल संचालक लगातार अभिभावकों पर दबाव बनाकर डराने-धमकाने का काम कर रहे है।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताता की पहले ऑनलाइन क्लास की आड़ लेकर निजी स्कूल संचालक फीस वसूलने के हथकंडे अपना रहे थे और यही निजी स्कूल संचालक नोवी, दसवीं, ग्यारवी, बारवी क्लास के बच्चों का सीबीएसई बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के नाम पर खुलेआम धमकियां दी रहे है।
स्कूल संचालकों की इस हठधर्मिता के चलते लाखो बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है और शिक्षा विभाग व सरकार आंखे मूंदे तमाशा देख रही है। निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर दबाव बना रहे है कि जब तक फीस जमा नही होगी तब तक सीबीएसई का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा नही जाएगा।
संयुक्त अभिभावक समिति लगातार स्कूल संचालकों से सवाल कर रहा है कि वह सरकार के आदेश दिखाए जिसमे सरकार ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म के साथ फीस जमा करवाने के आदेश दिए हो या ऐसा प्रावधान किया हुआ है कि रजिस्ट्रेशन फॉर्म के साथ फीस जमा करवानी अनिवार्य है। उसके बावजूद निजी स्कूल संचालक कोई जानकारी नही दे रहे है उल्टे स्कूल से नाम काटने की धमकियां दे रहे है।
प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि बुधवार को संयुक्त अभिभावक समिति शिक्षा विभाग, सीबीएसई बोर्ड, शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार, शिक्षा मंत्री केंद्र सरकार एवं मानवाधिकार आयोग भारत सरकार को रजिस्ट्रेशन फॉर्म के संदर्भ में ज्ञापन देंगे, सम्भव हुआ तो मुख्य शिक्षा सचिव राजस्थान से भी मुलाकात कर अभिभावकों का पक्ष रखेंगे।