देर रात तक मोबाइल स्क्रोलिंग करना ठीक नहीं, आज ही बदल डालें ये आदत वरना हो सकते हैं इन समस्याओं का शिकार

मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान
मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान

इन दिनों मोबाइल लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। काम के अलावा लोग अपने मनोरंजन के लिए लगातार इसका इस्तेमाल करते रहते हैं। सुबह आंख खुलने से लेकर रात में सोने तक लोगों के हाथ से मोबाइल बड़ी मुश्किल से ही छूटता है। खासकर रात में सोते समय लोग अक्सर देर रात तक अपनी मोबाइल पर एक के बाद एक रील देखते रहते हैं। इस असीमित स्क्रोलिंग को डूम स्क्रोलिंग भी कहते हैं।

मोबाइल और रील्स का इस्तेमाल करते हुए आपको पता भी नहीं चलता है कि आप देख क्या रहे हैं। बस आपकी उंगलियां स्क्रीन पर खुद से ऊपर की तरफ बढ़ते रहती हैं और आपके दो घंटे यूं ही बीत जाते हैं। अगर आपको भी यह आदत है, तो ठहर जाइए। ये आदत आपके मेंटल हेल्थ को डिस्टर्ब कर सकती है। आपको पता भी नहीं चलता है और आप बीमार हो चुके होते हैं।

आइए जानते हैं कि असीमित स्क्रोलिंग के नुकसान

मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान
मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान

सबसे पहले तो स्क्रीन से आने वाली ब्लू लाइट आंखों के लिए नुकसानदायक है।
नींद प्रभावित होती है, जिससे पूरी दिनचर्या गड़बड़ होती है।
लगातार एक के बाद एक स्क्रोल करने से आपको अगर कुछ समय के लिए मोबाइल न मिले तो आप में घबराहट और डिप्रेशन के लक्षण दिखने लगते हैं।
आजकल फियर ऑफ मिसिंग आउट का भी ट्रेंड चला है। इसमें आपको एक डर बना रहता है कि अगर आप ने सभी ट्रेंड की जानकारी नहीं रखी तो समाज में आपको कटा-कटा महसूस होने लगेगा।
एक ही पॉश्चर में घंटों रहने से हाथ और कंधे की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं।

असीमित स्क्रोलिंग से कैसे निपटें

मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान
मोबाइल पर स्क्रोलिंग का नुकसान

मोबाइल इस्तेमाल करने की समय सीमा तय करें। नियम बनाएं कि रात के दस बजे के बाद नेट ऑफ कर देना है। ऐसा करने से एक दो दिन या हफ्ते भर कुछ मुश्किल हो सकती है, मूड डिस्टर्ब और हाथ खाली सा महसूस हो सकता है, लेकिन समय निर्धारित करने से आप समय से सोने लगेंगे आपके स्वास्थ्य में सुधार आएगा तो आपको अच्छा लगने लगेगा।

नोटिफिकेशन ऑफ करें। सबसे अधिक लालच इन नोटिफिकेशन के कारण होता है। जब मोबाइल में मैसेज का टोन बजता है, तब मोबाइल चेक करने की एक उत्सुकता होती है। आप खुद को रोक नहीं पाते हैं और न चाह कर भी फोन उठा लेते हैं, इसलिए नोटिफिकेशन ऑफ करना एक सही कदम है।
कुछ अनावश्यक सोशल मीडिया एप को डिलीट करें।

स्क्रोल करते समय स्क्रीन की लाइट एकदम कम कर दें, जिससे इसका प्रभाव आंखों पर कम पड़े।
सोने के समय मन में ओम का उच्चारण करें या फिर कोई परिवार वालों से अच्छी बातें करते करते सोएं। एफर्मेशन पढ़ें। इससे सुकून भरी नींद आएगी और आपका शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा।

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