
अनलीशिंग द हेरिटेज पोटेंशियल फॉर डोमेस्टिक टूरिज्म” थीम पर
जयपुर। वैश्विक आर्थिक विकास में भारत सबसे आगे है, जो 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। स्थानीय अर्थव्यवस्था में विकास को चलाने वाला मुख्य साधन पर्यटन है। समान विकास हासिल करने के लिए भी पर्यटन महत्वपूर्ण है। पर्यटन आज ठहरने के लिए एलीट और भव्य 5-स्टार स्थानों से कहीं आगे बढ़ गया है। इसके बजाय पर्यटन का मुख्य फोकस पर्यटकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करने पर है। हेरिटेज होटल्स इस विशेष बदलाव में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे लग्जरी की अवधारणा को फिर से परिभाषित करते हैं और विजिटर्स के लिए अनूठे और यादगार अनुभव का निर्माण करते हैं। यह बात नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने अलवर के तिजारा फोर्ट में आयोजित 10वें इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशंस के कन्वेंशन के उद्घाटन सत्र में कही। वह मुख्य अतिथि के रूप में इस सत्र को संबोधित कर रहे थे।

कांत ने किसी स्थान की जड़ों को फिर से जींवत कर उसकी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के महत्व पर भी जोर दिया। पारंपरिक कला रूपों, व्यंजनों, वास्तुकला आदि को विशिष्ट उत्पादों के रूप में सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस संबंध में सरकार को उत्प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए, इन प्रयासों को सुविधाजनक बनाना चाहिए और ‘लास्ट-माइल कनेक्टिविटी’ का प्रावधान सुनिश्चित करना चाहिए। हालांकि इन उद्यमों के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी निजी पार्टनर्स के पास होनी चाहिए।
भारत के प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने ‘थिंकिंग ऑफ हेरिटेज एज इकोनॉमिक एंड कल्चरल कैपिटल’ विषय पर विशेष प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि स्टोरी टैलिंग और कहानी का निर्माण अर्थव्यवस्था को चलाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसी और की कहानी को आत्मसात करने की बजाय जरूरत अपनी कहानी बताने की है। राजस्थान के हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़ और कुम्भलगढ़ के स्थलों में विदेशी आधिपत्य के प्रतिरोध की महान कहानियां हैं। हेरिटेज होटलों को पारंपरिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने और हमारे अतीत की कहानियों को फिर से बताने की जरूरत है। स्थानीय समुदायों की कहानियों को आधुनिक तरीके से फिर से तैयार करने के साथ-साथ हमें 21वीं सदी के भारत की कहानी को भी फिर से बताना चाहिए।
प्रेसिडेंट एमेरिटस, आईएचएचए, एचएच गज सिंह ऑफ जोधपुर ने कहा कि आईएचएचए अपने 200 से अधिक सदस्यों के साथ एक अनूठा संगठन है और भारत को एक अद्वितीय हेरिटेज डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हेरिटेज टूरिज्म के भविष्य के लिए सस्टेनेबल संरक्षण महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। आईएचएचए के अध्यक्ष, रणधीर विक्रम सिंह मंडावा ने कहा कि इस वर्ष कन्वेंशन का विषय उपयुक्त चुना गया है, जो कि ‘अनलीशिंग द हेरिटेज पोटेंशियल फॉर डोमेस्टिक टूरिज्म’ है। यह थीम एक स्ट्रैटेजिक एप्रोच है, जो स्थानीय ट्रैवलर्स को आकर्षित करने के लिए हमारे देश के भीतर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक खजाने को पहचान दिलाता है और बढ़ावा देता है।

तिजारा फोर्ट के जीर्णोद्धार की कहानी बताते हुए, नीमराणा होटल्स के चेयरमैन, अमन नाथ ने कहा जो कभी एक परित्यक्त पैलेस था, लेकिन अब एक अत्यधिक प्रतिष्ठित गंतव्य के रूप में खड़ा है। उन्होंने इन प्राचीन किलों और महलों की सुरक्षा के लिए मौजूदा ट्रैंड्स के खिलाफ सक्रिय रूप से काम करने वाले विरासत संरक्षकों के महत्व पर जोर दिया गया।मध्यप्रदेश पर्यटन के डिप्टी सेक्रेटरी, सुनील दुबे ने मध्य प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने हेरिटेज होटलों के लिए राज्य की कई निवेश-अनुकूल विशेषताओं जैसे 90 वर्ष की लीज अवधि, पर्यटन बोर्ड में समर्पित अधिकारी, विभिन्न अल्ट्रा मेगा परियोजनाएं आदि पर प्रकाश डाला।
उन्होंने राज्य की विशेषताओं जैसे समृद्ध वन्य जीवन, धार्मिक स्थानों आदि पर प्रकाश डाला, जो राज्य में पर्यटन को आकर्षित करते हैं। सीता ट्रैवल कॉरपोरेशन इंडिया के एमडी, दीपक देवा ने होटलों में सस्टेनेबिलिटी और इको-फ्रेंडली प्रैक्टेसिज पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज पर्यटक भी जागरूक हैं और वे अतिरिक्त पैसे खर्च करने को तैयार हैं, यदि होटल की कार्यप्रणाली में सस्टेनेबलिटी को बढ़ावा दिया जाता है। वहीं नवीन बेरी ने कहा कि डिजिटलीकरण के कारण अब ट्रैवल प्रक्रिया के अंदर पारदर्शिता में वृद्धि हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि परिणामस्वरूप ट्रैवल एजेंटों और टूर ऑपरेटरों का महत्व कम हो गया है।उन्होंने यह भी कहा कि परिणामस्वरूप ट्रैवल एजेंटों और टूर ऑपरेटरों का महत्व कम हो गया है। फेथ के कंसल्टिंग सीईओ, आशीष गुप्ता ने कहा कि पर्यटन को ‘बॉटम-अप’ नजरिए से देखने और ‘लास्ट माइल’ क्षेत्रों में भी बहाली पर काम करने की जरूरत है। इस अवसर पर आईएचएचए के महासचिव, कैप्टन गज सिंह अलसीसर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।