नए आपराधिक कानूनों एवं क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टीगेशंस पर सेमिनार आयोजित

पुलिस मुख्यालय
पुलिस मुख्यालय

जयपुर। राजस्थान पुलिस के 76 वें स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को पुलिस मुख्यालय के तत्वावधान में महत्वपूर्ण विषयों पर सेमिनार का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक राजस्थान उत्कल रंजन साहू की अध्यक्षता में राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में न्यू क्रिमिनल लॉ-2023 के क्रियान्वयन एवं चुनौतियों तथा क्रिप्टोकरेन्सी इन्वेस्टीगेशन जैसे आधुनिक प्रासंगिक विषयों पर आयोजित इस सेमिनार में प्रस्तुत किए गए अनूठे तथ्यों व विशिष्टता को जानकर संभाग पुलिस अधिकारी भी रोमांचित हो उठे। राजस्थान पुलिस के 76वें स्थापना दिवस समारोह को प्रदेषभर में भव्यता के साथ समारोहपूर्वक मनाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों की शृंखला के अंतिम दिवस पर इस सेमिनार से कईं पुलिस अधिकारी, इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर्स, अनुसंधान से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े कार्मिक, राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रषिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों आदि ने बिटकॉइन एवं क्रिप्टोकरेंसी रिसीव करने की सुरक्षित डिजिटल फॉरेन्सिक बारीकियों आदि पर गहन व्यापक जानकारियां अर्जित की।

प्रथम सत्र को पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू, महानिदेशक आसूचना संजय अग्रवाल, महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा एवं एडीजीपी अशोक राठौड़ मंचासीन रहे और मुख्य वक्ता अथवा विषेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय विधि विश्ववविद्यालय, दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर व कीनोट स्पीकर डॉ. नीरज तिवारी नें संबोधित किया। इस सत्र में नए आपराधिक कानूनों के व्यापक स्तर पर लागू करने के उपरांत वर्तमान में आ रही विभिन्न चुनौतियों एवं इनके कार्यान्वयन से हो रही सुविधाओं पर गहन विचार-विमर्श कर जानकारियां दी गई। इस दौरान न्यू क्रिमिनल लॉ के प्रभावी क्रियान्वयन से अपराध जगत, अधिवक्ता व विधि विशेषज्ञों एवं आमजन आदि के द्वारा इनके उपयोग के दौरान आने वाली चुनौतियों, अवसर, कमियों, समस्याओं एवं उनके समाधान आदि विषयक गहन चर्चा एवं अद्यतन जानकारियां भी साझा की गई।

दूसरे सत्र में विषय विशेषज्ञ मुख्य वक्ताओं के रूप में की नोट स्पीकर कर्नाटक पुलिस के डीआईजीपी भूषण गुलाबराव बोरासे, (भारतीय पुलिस सेवा) एवं नेशनल पुलिस एकेडमी, हैदराबाद के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर नीतिन शर्मा ने संबोधित कर क्रिप्टो करेंसी के बारीकियों से रूबरू कराते हुए कईं महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। सेमिनार विषेषज्ञों ने बताया कि साइबर फॉरेन्सिक अपराधों से सावचेत रहते हुए हार्ड कोर पुलिसिंग के द्वारा जांच के दौरान कभी भी पासवर्ड, इन्क्रीप्टेड डेटा, प्राइवेट की, सीड फ्रेज, की-वर्डस आदि को सेनिटाइज्ड मशीन अथवा पीसी या लैपटॉप पर पूर्ण सुरक्षित रखते हुए कभी भी लापरवाही से साझा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आधुनिक क्रिप्टोकरेंसी के संचालन, प्रचालन एवं उनके विभिन्न प्लेटफॉर्म्स व वेबसाइट्स हैण्डलिंग्स पर जानकारियां दी। इस सत्र में पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू, डीजी एससीआरबी हेमंत प्रियदर्शी, अनिल पालीवाल मंचासीन रहे।