राजस्थान में फूड प्रोसेसिंग के लिये खुलेंगे सात हजार सूक्ष्म उद्योग

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

जयपुर। मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत राजस्थान में 7000 से ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाए जाएंगे। इसके लिए 35 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इसका लाभ मौजूदा सूक्ष्म उद्योग के विस्तार के लिए भी मिलेगा। राज्य सरकार उन्हें अधिकतम दस लाख रूपये तक अनुदान देगी। भजनलाल सरकार द्वारा सूक्ष्म उद्यमियों को प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता दी जाएगी जिससे वे अपने व्यवसाय को ओर आगे ले जा सकें। योजना का लाभ लेने के लिए शिक्षित युवाओं एवं नागरिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस योजना को सरल बनाते हुये राजस्थान स्टेट मार्केटिंग बोर्ड ने प्रक्रिया शर्तों को आसान कर दिया है।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत कोई भी व्यक्ति पासपोर्ट साइज फोटो, आधार, पैन कार्ड, पते का कोई दस्तावेज और छह महीने के बैंक स्टेटमेंट के साथ पीएमएफएमई पोर्टल पर आवेदन कर सकेगा। इसमें फलों और सब्जियों के उत्पाद, अनाज और दालों के उत्पाद, दूध उत्पाद, तिलहन उत्पाद, पशु आहार और बेकरी की यूनिट लगाई जा सकेगी। फलों की निर्धारित श्रेणियों में अमरूद का जैम, अचार, टमाटर सॉस, आलू केला चिप्स, ज्यूस, पेठा बनाना शामिल है। इसी तरह अनाज दालों में सोयाबीन पनीर, पापड़, बड़ियां, मूंगफली चिकी, चनाचूर सहित कई उत्पाद हैं।

नये तेल उद्योग, डेयरी व बेकरी संयंत्र के लिये अवसर-

लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल ने बताया क‍ि प्रदेश में मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल और सरसों की पैदावार अधिक होने से इनके तेल की फैक्ट्री भी लगाई जा सकेगी। योजना में पशु, मछली और मुर्गी के लिए आहार तैयार करने वाले लघु उद्योग भी शामिल है। दूध उत्पाद के तहत नये डेयरी संयत्र स्थापित किये जा सकेंगे। इसमें आइस्क्रीम, घी, दही, बटर, पनीर और मावा उत्पादन शामिल रहेगा। जबकि बेकरी में चॉकलेट वेफर्स, मिलेट्स के बिस्किट, पपड़ी, ब्रेड, रागी ब्राउनीज, टोस्ट, केक सहित कई तरह के उत्पाद होंगे। अन्य खाद्य उत्पादों में साबूदाना और हींग आदि शामिल किए गए हैं। पार्टनर फर्म, एनजीओ, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी समितियां व प्राइवेट कंपनियों को भी सब्सिडी का फायदा दिया जाएगा।

सभी जिलों में खुलेंगे नये खाद्य उद्योग-

इस योजना में सबसे ज्यादा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और कोटा जिले में लगाए जाएंगे। जयपुर में 634, बीकानेर में 524, कोटा में 494, जोधपुर में 394, भरतपुर में 285, टोंक में 294, अजमेर में 200, उदयपुर-भीलवाड़ा में 232-232, चितौड़गढ़ में 219, श्रीगंगानगर में 229, बारां में 204 इकाइयां लगेंगी। जबकि सबसे कम डीग, बालोतरा, डीडवाना-कुचामन जिलों में 50-50 लघु खाद्य इकाइयां लगेंगीे। अन्य जिलों में 100 से 200 लघु उद्योग स्थापित होंगे। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 9829026990 जारी किए गए हैं।