
राजभवन में यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को चुप रहने के लिए दबाव डाला
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राजभवन में यौन उत्पीड़न के मामले में कोलकाता पुलिस ने शनिवार को एक और मामला दर्ज किया है। कोलकाता पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 और 166 के तहत राजभवन के तीन कर्मचारियों एसएस राजपूत, कुसुम छेत्री और संत लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
राजभवन में ही अस्थाई तौर पर काम करने वाली शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल डॉ. सीबी आनंद बोस की ओर से कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बाद उसे इन कर्मियों ने पकड़ लिया था। दो मई को उस पर चुप रहने के लिए दबाव डाला गया था। पीड़िता इस मामले में पहले ही एक मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दर्ज करा चुकी है। इसके बाद ही तथ्यों की जांच कर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया: अभिजीत गांगुली
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अभिजीत गांगुली ने शनिवार को कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। वह आज इसका जवाब देंगे।
मैंनं तो सिर्फ उदाहरण दिया था
कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज गांगुली ने कहा कि बशीरहाट से पार्टी की उम्मीदवार रेखा पात्रा को लेकर तृणमूल नेताओं ने कहा था कि वह दो हजार रुपए में बिक गईं। इसी को लेकर मैंने सवाल पूछा था कि अगर एक महिला उम्मीदवार के बारे में तृणमूल के लोग इस तरह से टिप्पणी करते हैं तो वह ममता बनर्जी को लेकर भी कोई सम्मान नहीं करते होंगे। मेरा मतलब सिर्फ इतना था कि अगर रेखा पात्रा को बिका हुआ कह सकते हैं तो ममता की भी कीमत ये लोग लगा सकते हैं। इस मामले में उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने गांगुली को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है।
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