गृहमंत्री शाह दिल्ली हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे

26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है। एक ओर जहां मेरठ के बड़ौत में 40 दिन से चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने बीती रात खत्म कराया, वहीं यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई। बिजली कटने के बाद अंधेरा होने के चलते गिरफ्तारी के डर से किसानों ने खुद रात में जागकर पहरा दिया।

दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए बवाल के मुकदमे को लेकर दिल्ली पुलिस थोड़ी देर पहले यूपी गेट पहुंची और राकेश टिकैत के टेंट के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है। राकेश टिकैत ने पुलिस से व्हाट्सएप पर नोटिस मांगा है।

वहीं, गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन ने यूपी गेट पर फोर्स बढ़ा दी है। अलग-अलग टुकडिय़ों की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों को सौंपी गई है। भाकियू के पंचायत घर पर पुलिस वीडियो के जरिए हर गतिविधि पर नजर रख रही है।

दिल्ली पुलिस ने जिन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी करेगी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस किसान नेताओं के पासपोर्ट सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, बलदेव सिरसा और बलबीर एस राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को ट्रैक्टर रैली के समझौते को तोडऩे को लेकर नोटिस भेजा है। इस पर उन्हें जवाब के लिए तीन दिन दिए गए हैं।