
अयोध्यावासियों ने पुष्पवर्षा कर किया भव्य स्वागत
36 राज्यों की राजधानियों में जाएगी 36 दिवसीय महायात्रा –
26 अक्टूबर को दिल्ली और 27 को वृदांवन पहुंचकर संपूर्ण होगी यात्रा
अयोध्या। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को अयोध्या में प्रथम गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना कर गौ प्रतिष्ठा ध्वज भारत यात्रा का महाआगाज किया। इससे पूर्व शंकराचार्य ने क्षिरेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक व विशेष पूजा-पाठ कर नंगे पैर रामकोट की परिक्रमा की। उत्तराम्नाय ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम ज्योतिषपीठ के वर्तमान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ माता पर बढ़ते अत्याचार से द्रवित होकर गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और उसे पशु सूची से बाहर निकलवाने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में वे पूरे भारत की यात्रा कर प्रत्येक राज्य की राजधानी में गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना करेंगे। इसकी शुरुआत शंकराचार्य ने अयोध्या जानकी घाट स्थित चारू शीला मंदिर में प्रथम गौ ध्वज स्थापना कर की। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या में की प्रथम गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना
क्षिरेश्वर महादेव मंदिर में किया रुद्राभिषेक

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सुबह सबसे पहले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के समीप स्थित क्षिरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान शिव का रुद्राभिषेक व विशेष पूजा की। यहां से हजारों समर्थकों के साथ पैदल रामकोट की प्रमुख परिक्रमा के लिए रवाना हुए। इस दौरान पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों ने पुष्पवर्षा कर गुरुदेव का स्वागत किया। छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंसाचार्य ने सभी साधु-संतों और अयोध्या वासियों की तरफ से गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करवाने के लिए समर्थन दिया। उल्लेखनीय है कि यह यात्रा 36 राज्यों की राजधानियों में जाएगी। 36 दिवसीय यात्रा 26 अक्टूबर को दिल्ली और 27 को वृदांवन पहुंचकर संपूर्ण होगी।
आपका गौ प्रेम सिर्फ मीडिया तक

शंकराचार्य पत्रकारों से बातचीत करते हुए शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, आप मीडिया पर गौ प्रेम दिखाते हो, लेकिन गौ माता को राष्ट्र माता घोषित नहीं करा रहे। आपका यह गौ प्रेम सिर्फ मीडिया तक ही सीमित है, जबकि पिछले 10 साल से केन्द्र में आपकी सरकार है। आपकी सरकार ने गौ माता की रक्षा के लिए आज तक कुछ नहीं किया। अब तो आपकी सरकर पंगु स्थिति में है तो हमें ही गऊ माता को राष्ट्रमाता घोषित करवाने के लिए कदम उठाने पड़ रहे हैं। जगद्गुरु ने कहा, ‘रामलला हम आएंगे, गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करवाएंगे तभी अपना मुख आपको दिखाएंगे।’ उन्होंने कहा, हम अयोध्या में राम के दर्शन तभी करेंगे जब उसे राष्ट्रमाता घोषित कर दिया जाएगा। तब मैं खुद यहां आऊंगा और स्वर्ण के पात्र में राष्ट्र माता के दूध का भोग लगाऊंगा। उन्होंने कहा, नगालैंड में भाजपा समर्थित सरकार ने हमारी यात्रा के विरोध में एक प्रस्ताव कैबिनेट में पारित कराया है। हमें वहां घुसने से रोका जाएगा, लेकिन हम गाय को राष्ट्रमाता घोषित कराकर ही दम लेंगे।

यह भी पढ़ें : शिक्षक दें जीवन में उत्तरोत्तर विकास की शिक्षा- राज्यपाल