
भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य एवं वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का मानना है कि धीरे-धीरे सत्ता की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी भी समझौते करने लगी है।
राजनीति के प्रदूषण का प्रभाव भाजपा पर भी पडऩा शुरू हो गया है। इस प्रदूषण से उस युग के मेरे जैसे थोड़े से बचे हुए नेता बहुत व्यथित होते हैं। पार्टी के एक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो मुझे यहां तक कहा था कि यह वह पार्टी ही नहीं है, जिसमें हम थे, इसलिए व्यथित मत हुआ करो।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह टीस अपनी आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी में सार्वजनिक की है। इस किताब के कवर पेज पर शांता और उनकी दिवंगत धर्मपत्नी संतोष शैलजा का फोटो लगा है। उनकी आत्मकथा का विमोचन नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने किया।

हालांकि यह विमोचन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की ओर से किया जाना था, लेकिन वह इस दौरान मौजूद नहीं रहे। आत्मकथा में शांता ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की, वहीं पार्टी के मौजूदा माहौल पर भी बहुत कुछ लिखा।
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