इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश, नवाज शरीफ 30 दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करें वरना उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा

इस्लामाबाद। विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के जरिए सेना और इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अल अजीजिया और एवनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में शरीफ से दो टूक कह दिया है कि वह 30 दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करें वरना उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा। इस बाबत अदालत ने सरकार को पाकिस्तान के दो अखबारों के साथ ब्रिटेन के एक अखबार में समन छपवाने का आदेश दिया है। 

ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि शरीफ के प्रतिनिधियों ने लंदन में गिरफ्तारी वारंट प्राप्त नहीं किया। जियो टीवी के अनुसार, अदालत ने डॉन और जंग अखबारों में विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया था और संघीय सरकार को विज्ञापनों की लागत वहन करने का निर्देश दिया।

मीडिया के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोजक ने कहा कि विज्ञापन के प्रस्तावित विषय में कहा जाएगा कि शरीफ के पास देश लौटने के लिए 30 दिन हैं। जियो टीवी के अनुसार, उन्होंने कहा कि अदालत के समन को अदालत परिसर और पूर्व प्रधानमंत्री के आवास के बाहर भी चिपकाया जाएगा।

न्यायालय में दोनों गिरफ्तारी वारंटों के संबंध में रिकॉर्ड प्रस्तुत किया गया है जिसे देने का प्रयास किया गया लेकिन यह असफल साबित हुआ। अदालत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक राजनयिक बैग में पाकिस्तानी उच्चायोग को राजनयिक बैग में वारंट भेजना होगा।

न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने उस कार्रवाई के बारे में पूछा था कि जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पाकिस्तान वापस लाया जाएगा। एनएबी के अतिरिक्त अभियोजक जनरल जहानजीब भरवाना ने कहा कि अगला चरण औपचारिक रूप से उन्हें भगोड़ा घोषित करने का होगा। यह स्पष्ट है कि नवाज ने जानबूझकर गिरफ्तारी वारंट प्राप्त नहीं किया।

एनएबी के उप अभियोजक जनरल सरदार मुजफ्फर अब्बास ने कहा, नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित किया जाना चाहिए। ब्रिटेन में उच्चायोग के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि शरीफ के प्रतिनिधि ने शुरुआत में पीएमएल-एन सुप्रीमो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के लिए सहमति व्यक्त की थी लेकिन अधिकारी ने पार्क लेन में पूर्व प्रधानमंत्री के निवास पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले अपना मन बदल लिया।

नवाज शरीफ को एक बार बाय हैंड तो एक बार ब्रिटेन रॉयल मेल के जरिए गिरफ्तारी वारंट भेजा जा चुका है। इमरान सरकार ने ब्रिटेन सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री को प्रत्यर्पित करने की भी मांग की थी। भरवाना का कहना है कि शरीफ जानबूझकर वारंट प्राप्त नहीं कर रहे हैं।