हिन्दुत्व के एजेंड़े पर राजस्थान में चुनाव लड़ेगी शिवसेना : चंद्रराज सिंघवी

शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी
शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी

भाजपा और शिवसेना के सिद्धांत को एक जैसा बताया

राजनीति के पुरोधा और शिवसेना के राजस्थान प्रभारी सिंघवी से दैनिक जलतेदीप की विशेष बातचीत

जयपुर। शिवसेना (शिंदे) की नजरें अब राजस्थान के विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं। इसके लिए पार्टी ने राजनीति के पुरोधा माने जाने वाले चंद्रराज सिंघवी को राजस्थान का प्रदेश प्रभारी बनाया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी के मुखिया एकनाथ शिंदे ने करीब 20 दिन पहले सिंघवी को पार्टी का ध्वज सौंपकर राजस्थान जीत की जिम्मेदारी दी है। इधर, राजस्थान पहुंचते ही सिंघवी ने पूरे जोश के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

अब बात आती है शिवसेना के राजस्थान में चुनाव लडऩे के मुद्दे की कि वह कौनसी रणनीति के तहत 200 सीटों वाले विशाल प्रदेश में चुनाव लड़ेगी। कांगे्रस को हराने के लिए शिवसेना भाजपा के पदचिह्नों पर चलकर चुनाव लड़ेगी। सीधे तौर पर कहा जाए तो शिवसेना हिन्दुत्व के एजेंड़े पर राजस्थान में ताल ठोकेगी। भाजपा को राजस्थान में जीत दिलाने के लिए शिवसेना उन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, जहां कांगे्रस मजबूत स्थिति में होगी। ऐसा होने से कांगे्रस के वोटों का धुव्रिकरण होगा, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। हालांकि यह तो अभी भविष्य के गर्त में होगा कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा, लेकिन सिंघवी का दावा है कि इस बार कांगे्रस को 25 से 28 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा और शिवसेना राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।

शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी
शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी

चंद्रराज सिंघवी ने दैनिक जलतेदीप से विशेष बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी भाजपा की तरह राष्ट्रवादी विचारधारा रखती है। यही कारण है भाजपा और हमारी पार्टी के सिद्धांतों में कोई खास फर्क नहीं है। कांगे्रस को हराना उनका मूल उद्देश्य है। राजस्थान की कितनी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन कांगे्रस को कमजोर बनाने के लिए वे प्रत्येक उस सीट पर ताल ठोकेंगे, जहां कांगे्रस मजबूत होगी। उन्होंने दावा किया कि कांगे्रस की रीति-नीति से खफा नेता उनके संपर्क में हैं और ये ही कांग्रेस के लिए ‘भस्मासुर’ साबित होंगे।

राजस्थान में कांगे्रस की हालत अच्छी नहीं

सिंघवी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही कलह पर चुटकी लेते हुए कहा कि इसका परिणाम कांगे्रस को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना ही होगा। यदि सचिन पायलट पार्टी से अलग हो जाते हैं तो कांगे्रस को राजस्थान में मात्र 25 से 28 सीटें ही आएंगी। क्योंकि गुर्जरों का पूरा सपोर्ट सचिन पायलट को है। या फिर पायलट कांगे्रस में रहकर चुनाव लड़ते हैं तो कांगे्रस को 45 से 48 सीटें मिलेंगी। इसमें 20 सीटें सचिन के नाम होंगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान को छोडकऱ प्रदेश के अन्य हिस्सों में कांगे्रस की हालत अच्छी नहीं है।

बिजली फ्री देना सिर्फ चुनावी फंडा

शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी
शिवसेना (शिंदे) पार्टी के राजस्थान प्रभारी चंद्रराज सिंघवी

मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा चलाए जा रहे महंगाई राहत कैंप को कांगे्रस का फ्लॉप कार्यक्रम बताते हुए प्रदेश प्रभारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की तर्ज पर अशोक गहलोत रेवडिय़ां बांटने की जो असफल कोशिश कर रहे हैं, उसका चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि आप पार्टी का यही फंडा गुजरात में फ्लॉप साबित हुआ था। यही हाल कांगे्रस का राजस्थान में होने वाला है। उन्होंने 100 यूनिट बिजली फ्री देने के मुख्यमंत्री के निर्णय को सही नहीं बताते हुए कहा कि गहलोत जनता को मूर्ख बना रहे हैं। यह वही पैसा है जो टैक्स के तौर पर सरकार को मिलता है। गहलोत ये बताएं कि सरकार अपनी जेब से कितना पैसा जनता पर खर्च कर रही है।

आरएलपी के सिद्धांतों के खिलाफ नहीं

उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी का हाल राजस्थान में ठीक वैसा होगा जैसा गुजरात में हुआ था। लोग अरविंद केजरीवाल की नीयत पहचान गए हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रित पार्टी (आरएलपी) के मुखिया हनुमान बेनीवाल अलग सोच रखने वाले व्यक्ति हैं। यही कारण है कि वे सिद्धांतों के खिलाफ नहीं हैं और जो देशवादी सोच रखता है हमारी पार्टी उसके साथ खड़ी है। वे हर उस व्यक्ति का साथ देने को तैयार हैं जो राष्ट्रवादी विचारधारा रखता है। विधानसभा चुनाव लडऩे के सवाल पर सिंघवी ने कहा, फिलहाल उनका चुनाव लडऩे का मानस नहीं है, लेकिन आवश्यकता हुई तो वे इससे पीछे नहीं हटेंगे।

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