
बांसवाड़ा। दिगंबर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को पर्यूषण महापर्व का आठवां दिन उत्तम त्याग दिवस के रूप में मनाया। शहर के खांदू कॉलोनी जिनालय, मोहन कॉलोनी जिनालय, वासुपूज्य जिनालय, आदिनाथ जैन मंदिर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित जैन मंदिर,बाहुबली कॉलोनी जैन मंदिर में अभिषेक, शांतिधारा और पूजन के कार्यक्रम हुए। मोहन कॉलोनी जिनालय परिसर में आचार्य सुंदर सागर महाराज ने कहा कि आज उत्तम त्याग की महिमा गाई जाती है। बहिरंग और अंतरंग परिग्रह को छोडऩा त्याग कहलाता है।
आचार्यश्रीने कहा कि जिन प्रतिमा, जिनमंदिर, जिनपात्रा, जिनबिंब प्रतिष्ठा, पूजा, सिद्धान्त लेखन आदि स्थानों पर दान देने से उत्तम गति प्राप्त होती है। जैन समाज के मयंक जैन और जयदीप जैन ने बताया कि उत्तम त्याग दिवस के अवसर परआचार्य श्री संघ सानिध्य में पर दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह जिनालय में जलाभिषेक इंद्रसिंह लिखमावत ने किया।
पंचामृत अभिषेक रमणलाल कलावत परिवारजनों ने किया। शांतिधारा का लाभ लोकेश गुलाब असावत परिवार को और आरती रमेश गांधी ने की। मिला समाज जनों द्वारा ससंघ ब्रह्मचारिणी पूजा दीदी और प्रिया दीदी के सानिध्य में सामूहिक पूजन किया। वहीं रात में भजनों पर समाज के बच्चों द्वारा नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं।
सुखोदय तीर्थ में सम्मेद शिखर पूजन किया
नौगामा. पर्यूषण महापर्व के तहत शुक्रवार को उत्तम त्याग धर्म मनाया गया। तीनों मन्दिर में अभिषेक और शांतिधारा की गई। साथ ही नसियाजी में सम्मेद शिखर पूजन किया गया। सामजजनों ने सांगानेर संस्थान जयपुर एवं भारतवर्ष के समस्त दिगंबर तीर्थ क्षेत्रों पर दान राशि भेजने के लिए दान किया। तत्वार्थ सूत्र का वाचन महिला मंडल द्वारा किया गया। दोपहर में सुखोदय तीर्थ निसीयाजी में सम्मेद शिखर पूजन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्थित 24 टोंक सात गुफाएं मुख्य मंदिर महावीर भगवान की प्रतिमा चरण पादुका मानस्थान पर बोली के माध्यम से अर्घ्य चढ़ाए। शाम को पांडाल में स्थित त्याग धर्म पर प्रवचन के बाद प्रतिक्रमण एवं जैन पाठशाला के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उक्त जानकारी जैन समाज प्रवक्ता सुरेश चंद्र गांधी ने दी। प्रात: वागड़ के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान नेमिनाथ भगवान, समवशरण मंदिर में महावीर भगवान का प्रथम अभिषेक शांतिधारा की गई।
दिगंबर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को पर्यूषण महापर्व का आठवां दिन उत्तम त्याग दिवस के रूप में मनाया। शहर के खांदू कॉलोनी जिनालय, मोहन कॉलोनी जिनालय, वासुपूज्य जिनालय, आदिनाथ जैन मंदिर,हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित जैन मंदिर,बाहुबली कॉलोनी जैन मंदिर में अभिषेक, शांतिधारा और पूजन के कार्यक्रम हुए। मोहन कॉलोनी जिनालय परिसर में आचार्य सुंदर सागर महाराज ने कहा कि आज उत्तम त्याग की महिमा गाई जाती है। बहिरंग और अंतरंग परिग्रह को छोडऩा त्याग कहलाता है।
आचार्यश्रीने कहा कि जिन प्रतिमा, जिनमंदिर, जिनपात्रा, जिनबिंब प्रतिष्ठा, पूजा, सिद्धान्त लेखन आदि स्थानों पर दान देने से उत्तम गति प्राप्त होती है। जैन समाज के मयंक जैन और जयदीप जैन ने बताया कि उत्तम त्याग दिवस के अवसर परआचार्य श्री संघ सानिध्य में पर दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह जिनालय में जलाभिषेक इंद्रसिंह लिखमावत ने किया। पंचामृत अभिषेक रमणलाल कलावत परिवारजनों ने किया। शांतिधारा का लाभ लोकेश गुलाब असावत परिवार को और आरती रमेश गांधी ने की। मिला समाज जनों द्वारा ससंघ ब्रह्मचारिणी पूजा दीदी और प्रिया दीदी के सानिध्य में सामूहिक पूजन किया। वहीं रात में भजनों पर समाज के बच्चों द्वारा नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं।
बाहुबली कॉलोनी में सुबह अभिषेक, शांतिधारा, पूजन समाज के अध्यक्ष महेंद्र भाई वोरा और समाजजनों द्वारा किए गए। चतुर्मास कमेटी के प्रवक्ता महेंद्र कोवालिया ने बताया कि आर्यिका रत्न अर्हमश्री माताजी ने प्रवचन में कहा कि अवगुणों को छोडऩे का मन बना लो और उन्हें ग्रहण मत करो यही त्याग धर्म है। परिग्रह को नियंत्रण करने का नाम दान है। देने वाला लेने वाले को अपने से बड़ा मानता है। माताजी ने कहा कि जीवन मेें अर्जन के साथ विजर्सन भी आवश्यक है।
अधिक परिग्रह करने से नर्क की यात्रा होती है। जो लोग जोड़ते हैं और छोड़ते नहीं हैं उनकी नैय्या डूब जाती है। खांदू कॉलोनी जिनालय परिसर में शांतिधारा नायक कनकमल नीतेश अनिल कुमार परिवार,हथियावत मोहित हर्षित हितार्थ जैन परिवार ने की। तत्वार्थ सूत्र का वाचन आशिका जैन, रुचिका जैन, स्वाति मलावत,हिरल घुघरावत,कथांशी डांगरा ने किया। शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण और सामायिक की गई। वहीं पंडित अभिषेक जैन सांगानेर वालों ने प्रवचन में कहा कि जो कार्य गलत है उसका त्याग कर देना चाहिए।
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