मूक बधिर बच्चों को रोजगार और शिक्षा के लिये सांकेतिक भाषा महत्वपूर्ण है – प्रफुल्ल चंद

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा विशेष योग्यजनों के लिये संचालित कार्यक्रम जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम के तहत् अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मूक बधिर बच्चों के लिये विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्धेश्य उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान मंच प्रदान करना था। इस अवसर पर 3 जिलों उदयपुर, अजमेर और भीलवाडा के स्कूलों के बच्चों के लिए सांकेतिक भाषा के महत्व और उनके जीवन पर सांकेतिक भाषा के प्रभाव के बारे में एक अनुभव साझा करने के लिए वर्चुअल सत्र का आयोजन किया गया।

बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय अजमेर में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर बधिर बच्चों द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता,समूह नृत्य, जल संरक्षण पर नाट्य और कोविड जागरूकता जैसी सांस्कृतिक आयोजन किये गये। इस अवसर पर उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अजमेर प्रफुल्ल चंद चैबीसा ने बच्चों की सराहना करते हुए बधिर बच्चों के बीच शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने में सांकेतिक भाषा की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें भी रोजगार के अवसर मिलें।

इस अवसर पर जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अजमेर, रजत गुप्ता, प्राचार्य, बधिर विद्यालय अजमेर संत कुमार सिंह एवं कायड माइंस सीएसआर विभाग से काजी खदीजा आरिफ एवं आलोक शर्मा भी उपस्थित थे। वर्ष 2017 से संचालित जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम हिंदुस्तान जिंक की एक पहल है जिसका उद्देश्य दिव्यांगों के लिए समाज में समान स्थान का निर्माण करना है। विद्यालयों और संस्थानों के साथ भागीदारी के माध्यम से हिन्दुस्तान जिं़क अपने परिचालन क्षेत्रों के लगभग 600 अलग-अलग विशेषजन बच्चों तक पहुंचा है इनमें मूक, बधिर और नेत्रहीन बच्चे शामिल हैं। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों और समाज से जुडकर समान रूप से जीवन जी सके।

इस ओर हिन्दुस्तान जिंक ने दृष्टिहीनों के लिए प्रौद्योगिकी आधारित और बधिर विशेषजनो हेतु सीखने के लिए साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण की शुरुआत करके उनकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए पहल की है। अजमेर, भीलवाड़ा और उदयपुर के बधिर विद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों को सांकेतिक भाषा सिखाने के लिए नोएडा डेफ सोसाइटी के साथ साझेदारी की है।

जीवन तरंग जिंक के संग ’कार्यक्रम के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक मुख्य रूप से राजस्थान राज्य में मूक-बधिर बच्चों को औपचारिक भारतीय सांकेतिक भाषा आईएसएल, बुनियादी अंग्रेजी साक्षरता, बुनियादी कंप्यूटर शिक्षा और नैतिक मूल्य शिक्षा के माध्यम उनकी क्षमता में वृद्धि करने का कार्य कर रही है। इनसे सबंधित विद्यालयों के शिक्षकों को आईएसएल सिखाने कार्य कर रही है ताकि शिक्षक बच्चों के साथ सांकेतिक भाषा में संवाद करें और उन्हें पढ़ाएं। हिन्दुस्तान जिं़क अपने इस कार्यक्रम में विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित कर समान अवसर प्रदान कर दिव्यांगों को सामाज की मुख्यधारा से जोडने का कार्य कर रही है।

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