सीकर की बेटी ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर रचा इतिहास

गीता सामोता
गीता सामोता

सीकर। जिले के छोटे से गांव चक की रहने वाली और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की उप निरीक्षक गीता सामोता ने 19 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया है। गीता सामोता सीआईएसएफ की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ाई कर यह उपलब्धि हासिल की है। उनके इस साहसिक कारनामे ने न केवल जिले का, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।

शेखावाटी की यह बहादुर बेटी अब देशभर की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

गीता की यह सफलता व्यक्तिगत उपलब्धि से कहीं बढ़कर है, यह महिलाओं के साहस, दृढ़ संकल्प और आत्मबल की मिसाल बन गई है। उनके इस ऐतिहासिक कार्य को देखते हुए सीआईएसएफ के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गीता को बधाई दी है और वर्ष 2026 में माउंट एवरेस्ट के लिए एक विशेष पर्वतारोहण दल भेजने की योजना की भी घोषणा की है।

विद्यार्थी जीवन में गीता एक प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन एक गंभीर चोट ने उनके खेल जीवन को रोक दिया। हार मानने के बजाय उन्होंने जीवन को नया मोड़ दिया और पर्वतारोहण की राह चुनी। वर्ष 2011 में सीआईएसएफ में भर्ती होने के बाद उन्होंने पर्वतारोहण को अपने जुनून में बदल लिया। सतत अभ्यास और मेहनत के बल पर वे अब तक पांच बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुकी हैं, साथ ही कई अन्य पर्वतारोहण अभियानों में भी हिस्सा लिया है।