सूरज पंचोली ने ली केसरी वीर के लिए की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल

Sooraj Pancholi
Sooraj Pancholi

मुंबई। सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म केसरी वीर: लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ का टीज़र कल रिलीज़ हुआ। इस फिल्म से नवोदित अभिनेत्री आकांक्षा शर्मा भी डेब्यू कर रही हैं। सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ने वाले 14वीं शताब्दी के योद्धा के किरदार में ढलने के लिए सूरज ने जबरदस्त शारीरिक बदलाव किया। उन्होंने विशेषज्ञों की देखरेख में तीरंदाजी, तलवारबाजी और सहनशक्ति अभ्यास की गहन ट्रेनिंग ली।

अपनी तैयारी के बारे में बात करते हुए सूरज ने कहा, “इस किरदार ने मुझे मेरी सीमाओं से परे धकेल दिया। मुझे ताकत, फुर्ती और सहनशक्ति विकसित करनी पड़ी, ठीक वैसे ही जैसे उस युग के योद्धाओं के पास होती थी। तलवारबाजी सबसे चुनौतीपूर्ण रही, क्योंकि मुझे अलग-अलग युद्ध तकनीकों को सीखते हुए हामीरजी गोहिल की लड़ाई शैली की प्रामाणिकता बनाए रखनी थी। यह पूरी यात्रा बेहद संतोषजनक रही।”

उन्होंने बताया कि एक सशक्त योद्धा में ढलने के लिए उन्होंने महीनों तक तीरंदाजी, तलवारबाजी और सहनशक्ति अभ्यास किया। उन्होंने युद्ध विशेषज्ञों के साथ घुड़सवारी और हाथ से हाथ की लड़ाई जैसी प्राचीन युद्ध तकनीकों को भी बारीकी से सीखा। इस किरदार के लिए सूरज ने कठोर फिटनेस रूटीन अपनाया, जिसमें ताकत और फुर्ती पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि वे एक्शन दृश्यों को वास्तविकता के साथ अंजाम दे सकें।

“तीरंदाजी में सटीकता, नियंत्रण और श्वास तकनीक महत्वपूर्ण होती है। मैंने सही स्टांस और लक्ष्यभेदन में महारत हासिल करने के लिए हफ्तों तक प्रशिक्षण लिया। लक्ष्य की दूरी बढ़ाते हुए अभ्यास किया ताकि यह मेरे लिए स्वाभाविक हो जाए, जैसे एक योद्धा के लिए होता। तलवारबाजी में हमने पहले लकड़ी की तलवारों से मूलभूत अभ्यास किया, फिर असली हथियारों पर स्विच किया। मैंने हमले, रक्षात्मक ब्लॉक और कोरियोग्राफ़ किए गए द्वंद्व युद्ध सीखे। इसके अलावा, ताकत बढ़ाने के लिए वेट ट्रेनिंग और प्रतिरोधक व्यायाम किए ताकि लंबे समय तक युद्ध दृश्यों को बिना थके अंजाम दे सकूं।”